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भारत में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण, उपभोक्ता अब CNG (Compressed Natural Gas) कारों की ओर रुख कर रहे हैं। इस बदलाव ने वाहन उद्योग के समीकरण को बदल दिया है।
CNG कारों की बढ़ती लोकप्रियता
मई 2025 में, भारत में पेट्रोल/इथेनॉल कारों की बिक्री सबसे अधिक रही, लेकिन उनका मार्केट शेयर घटकर 48% रह गया, जो अप्रैल 2025 में 50% और मई 2024 में 52% था। इसके विपरीत, CNG/एलपीजी कारों का मार्केट शेयर 20.17% है, जो अप्रैल और मई 2024 की तुलना में अधिक है। हाइब्रिड कारें भी लोकप्रिय हो रही हैं, जिनकी हिस्सेदारी मई 2025 में 8.29% रही। इलेक्ट्रिक कारों का मार्केट शेयर 4% को पार कर गया है, जो मई 2024 के 2.57% से दोगुना है।
CNG कारों के फायदे
कम ईंधन लागत: CNG की कीमत पेट्रोल और डीजल से कम होने के कारण, चलाने की लागत भी कम होती है।
पर्यावरण के लिए बेहतर: CNG ईंधन के रूप में कम प्रदूषण फैलाता है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सरकारी प्रोत्साहन: सरकार CNG वाहनों को बढ़ावा दे रही है, जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त लाभ मिल रहा है।
चुनौतियाँ
हालांकि CNG कारों की लोकप्रियता बढ़ी है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
सीएनजी स्टेशन की कमी: कुछ क्षेत्रों में CNG भरने के स्टेशन कम हैं, जिससे उपभोक्ताओं को असुविधा होती है।
उच्च प्रारंभिक लागत: CNG किट की स्थापना के कारण प्रारंभिक लागत अधिक होती है।
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