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Up Kiran, Digital Desk: भारत अब रक्षा के क्षेत्र में सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार बनकर नहीं रहेगा, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक बनेगा। यह ऐलान किया है देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि सरकार का अंतिम लक्ष्य भारत को रक्षा उत्पादन में 100% आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि हमें अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी दूसरे देश पर निर्भर न रहना पड़े।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा सपना है कि भारतीय सेना के हाथ में जो भी हथियार, उपकरण या तकनीक हो, वह 'मेड इन इंडिया' हो।

क्यों है यह इतना बड़ा और जरूरी कदम?

इस लक्ष्य के पीछे एक बहुत गहरी और सोची-समझी रणनीति है। इसका सबसे बड़ा मकसद है भारत की रणनीतिक स्वायत्तता (strategic autonomy) को मजबूत करना। आसान शब्दों में इसका मतलब है कि युद्ध या तनाव के मुश्किल समय में हमें किसी दूसरे देश के सामने हाथ न फैलाना पड़े और कोई भी देश हम पर अपनी शर्तों को थोपने की हिम्मत न कर सके।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, "हम सिर्फ अपनी जरूरतों को पूरा नहीं करना चाहते, बल्कि हमारा लक्ष्य भारत को एक बड़ा रक्षा निर्यातक (defence exporter) बनाना भी है।"

कैसे हासिल किया जाएगा यह 100% का लक्ष्य?

यह सिर्फ एक बयान नहीं है, बल्कि इसके लिए जमीन पर तेजी से काम भी हो रहा है। सरकार ने इस मिशन को पूरा करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं:

आयात पर रोक: सरकार ने "सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची" (positive indigenisation lists) जारी की है। इस लिस्ट में सैकड़ों ऐसे हथियार और रक्षा उपकरण शामिल हैं, जिन्हें अब विदेश से नहीं खरीदा जा सकता। इन्हें सिर्फ और सिर्फ भारतीय कंपनियों से ही खरीदा जाएगा।

प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा: पहले रक्षा उत्पादन का काम ज्यादातर सरकारी कंपनियों तक ही सीमित था। लेकिन अब सरकार प्राइवेट कंपनियों को भी इस सेक्टर में आने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें हर संभव मदद दे रही है।

डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण: उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में विशेष 'डिफेंस कॉरिडोर' बनाए जा रहे हैं। यहां रक्षा से जुड़ी हर चीज के निर्माण के लिए एक पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिससे हजारों नौकरियां भी पैदा होंगी।

यह फैसला न केवल भारत की सुरक्षा को फौलादी बनाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। यह एक ऐसा मिशन है जो भारत को रक्षा क्षेत्र में दुनिया की एक महाशक्ति बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।