
Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है, और NDA के अपने ही घर में बगावत के सुर उठने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा की प्रमुख सहयोगी, ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP), ने बिहार में NDA से भाव न मिलने पर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है।
SBSP ने ऐलान किया है कि वह बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी और 153 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह फैसला NDA, खासकर भाजपा के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी और चुनौती बनकर उभरा है, क्योंकि जो पार्टी एक राज्य में उनकी सरकार का हिस्सा है, वही दूसरे पड़ोसी राज्य में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही है।
क्यों आई यह नौबत: दरअसल, SBSP बिहार में NDA गठबंधन के तहत कुछ सीटें चाहती थी, लेकिन सीट बंटवारे में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। बिहार में NDA के घटक दलों- भाजपा, जद(यू), लोजपा (रामविलास) और हम- ने आपस में सीटें बांट लीं, लेकिन राजभर की पार्टी को इसमें कोई हिस्सा नहीं दिया गया। इसी से नाराज होकर SBSP ने यह बड़ा और कड़ा कदम उठाया है।
NDA का खेल बिगाड़ने की तैयार: ओम प्रकाश राजभर का प्रभाव उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के सीमावर्ती इलाकों में राजभर और अन्य अति पिछड़ी जातियों (EBC) पर माना जाता है। SBSP का 153 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला सीधे तौर पर NDA के वोट बैंक में सेंध लगाने की एक कोशिश है। भले ही SBSP शायद ही कोई सीट जीत पाए, लेकिन वह इतने वोट जरूर काट सकती है जिससे कई सीटों पर NDA उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित हो जाए।
यह स्थिति भाजपा के लिए "अजीबोगरीब" बन गई है, जहां उसे अपने ही एक सहयोगी के खिलाफ चुनाव लड़ना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि राजभर की यह 'एकला चलो' की रणनीति बिहार के चुनावी रण में NDA को कितना नुकसान पहुंचाती है।