Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा की उप मुख्यमंत्री प्रवति परिदा ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मोबाइल पर रील्स बनाने की लत और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना घरेलू हिंसा का एक बड़ा कारण बन रहा है. उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपने परिवार और सोशल मीडिया के बीच एक संतुलन बनाने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल सीमित करें.
'मोबाइल उपवास' की दी सलाह
महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री प्रवति परिदा ने सुझाव दिया कि परिवार में शांति बनाए रखने के लिए महिलाओं को 'मोबाइल उपवास' भी करना चाहिए, यानी कुछ समय के लिए मोबाइल फोन से पूरी तरह दूरी बना लेनी चाहिए. वह घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 और दहेज निषेध अधिनियम 1961 पर आयोजित एक राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में बोल रही थीं.
उन्होंने कहा, "जैसे हम महिलाएं दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों पर उपवास रखती हैं, वैसे ही परिवार की शांति के लिए कुछ घंटों के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने का भी व्रत लेना चाहिए."
बढ़ रहे हैं तलाक के मामले
डिप्टी सीएम ने चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर परिवारों में सास-ससुर अपनी बहुओं के बहुत ज्यादा मोबाइल चलाने, चैटिंग करने और रील्स बनाने की आदत से नाराज रहते हैं. उन्होंने कहा, "महिलाएं समाज को दिशा देने और बच्चों की परवरिश में एक अहम भूमिका निभाती हैं, इसलिए उनके लिए अपने परिवार की भलाई को प्राथमिकता देना बहुत ज़रूरी है."
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी चीज़ का अत्यधिक उपयोग, चाहे वह सोशल मीडिया ही क्यों न हो, उसके बुरे परिणाम होते हैं और अक्सर महिलाएं ही इसका शिकार बनती हैं.
घरेलू हिंसा को कम करने के लिए, पुलिस स्टेशनों में महिला और बाल डेस्क को मजबूत करने और खाली पदों को भरने की योजना बनाई जा रही है. एक सामाजिक कार्यकर्ता, सोफिया शेख ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि रील्स और सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल घरेलू हिंसा को बढ़ा रहा है. मैं खुद ऐसी चार महिलाओं के तलाक की गवाह रही हूं, जिनके पतियों ने उन्हें रील्स बनाने की आदत की वजह से अपनाने से इनकार कर दिया.”
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