img

Up Kiran, Digital Desk: इंग्लैंड के बर्मिंघम स्थित एजबेस्टन मैदान पर रविवार, 6 जुलाई को जो हुआ, उसे भारतीय टेस्ट क्रिकेट की गौरवगाथा में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस ऐतिहासिक जीत ने न सिर्फ बाजबॉल की धार कुंद कर दी, बल्कि यह दिखा दिया कि अगर इरादे बुलंद हों तो किसी भी हालात में जीत संभव है। सोचिए, 58 साल में पहली बार भारत ने इस मैदान पर टेस्ट जीता — वो भी उस पिच पर जो धीरे-धीरे खराब हो रही थी!

शुभमन गिल की अगुआई में टीम इंडिया ने आखिरी दिन इंग्लैंड को न सिर्फ चारों खाने चित किया बल्कि बाजबॉल को उसी की शैली में मात दी। दिलचस्प बात यह रही कि मैच से पहले गिल ने टीम से साफ कह दिया था — “जो भी बल्लेबाज जम जाए, वो 50-60 रन और जोड़ने की जिम्मेदारी ले।” कप्तान खुद इस मंत्र पर अमल करते दिखे — उन्होंने अकेले सीरीज में 430 रन ठोक डाले। भारत ने पहली पारी में कुल 1,014 रन बनाए, जो विदेश में उनका अब तक का सबसे बड़ा स्कोर बन गया है।

गंभीर और गिल की जोड़ी का मास्टरस्ट्रोक

दूसरे टेस्ट से पहले टीम के संतुलन और चयन को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। कुछ लोग कह रहे थे कि नितीश कुमार रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर को क्यों खिलाया जाए? लेकिन कप्तान गिल और कोच गौतम गंभीर ने रणनीति पर अडिग रहते हुए बल्लेबाजी लाइन-अप को गहराई दी और नतीजा सबके सामने है। आकाश दीप ने 10 विकेट चटकाकर सबको चौंका दिया और अपनी जगह पक्की कर ली।

कप्तान गिल का बल्ला — इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द

इस मुकाबले का असली हीरो कोई और नहीं बल्कि शुभमन गिल ही थे। जैसे ही उन्होंने क्रीज संभाली, गेंदबाजों पर दबाव बढ़ता गया। इंग्लैंड के गेंदबाज उनके सामने बेबस नजर आए — ड्राइव, फ्लिक, स्वीप या रिवर्स-स्वीप — गिल ने हर शॉट में अपनी क्लास दिखाई। उनके बल्ले से निकले हर रन ने इंग्लैंड के आत्मविश्वास को तोड़ा।

कभी सोच सकते थे कि 58 वर्षों में एक मैदान पर 7 हार और एक ड्रॉ झेलने वाली टीम उसी मैदान पर बाजी पलट देगी? भारत ने इंग्लैंड को उसकी ही शैली में मात दी — बड़ा स्कोर खड़ा करके, विपक्षी गेंदबाजों की कमर तोड़ दी। पहले हेडिंग्ले में 471, फिर एजबेस्टन में 587 — यह अंतर ही सबकुछ कह गया।

टॉस की चाल और इंग्लैंड की गलतफहमी

अगर आप सोच रहे हैं कि इस जीत की नींव कहां पड़ी, तो जवाब है — टॉस पर। बेन स्टोक्स ने लक्ष्य का पीछा करने की अपनी टीम की आदत पर कुछ ज्यादा ही भरोसा कर लिया। उन्हें लगा कि सपाट विकेट पर कुछ भी संभव है, लेकिन गिल ने उनकी इस गलतफहमी को कड़वा सबक बना दिया। सेशन दर सेशन, ओवर दर ओवर भारत का दबदबा बढ़ता गया।

यशस्वी जायसवाल, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने भी अहम योगदान देकर गिल को मजबूत सहारा दिया। दूसरी ओर, आकाश दीप की स्विंग ने इंग्लिश बल्लेबाजों की तकनीक की पोल खोल दी। हैरी ब्रूक और जेमी स्मिथ ने जरूर 303 रनों की साझेदारी से इंग्लैंड को कुछ आस दी, मगर आकाश दीप ने सही समय पर ब्रूक को चलता कर दिया — और फिर इंग्लैंड का सारा आत्मविश्वास ढह गया।

इंग्लैंड की पूंछ और भारत का करारा जवाब

कई बार कहा जाता है कि इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाज बाजी पलट सकते हैं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। भारतीय गेंदबाजों ने दूसरी पारी में भी पकड़ बनाए रखी। मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने मिलकर इंग्लैंड की उम्मीदों को बिखेर दिया। खास बात यह रही कि इंग्लैंड को 608 रन चाहिए थे और उसके पास 108 ओवर थे — लेकिन भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने बाजबॉल की ‘ड्रॉ से नफरत’ की आदत को भरपूर भुनाया।

आखिर में जब भारत ने 336 रन से जीत दर्ज की तो यह विदेशी धरती पर अब तक का सबसे बड़ा अंतर था। इसे कहते हैं मेजबान को उसी के खेल में हराना।

--Advertisement--

भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट एजबेस्टन टेस्ट जीत शुभमन गिल कप्तान भारत की ऐतिहासिक टेस्ट जीत इंग्लैंड में भारत की पहली जीत गौतम गंभीर कोच आकाश दीप 10 विकेट बाजबॉल इंग्लैंड इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट सीरीज शुभमन गिल रिकॉर्ड भारतीय बल्लेबाजी रिकॉर्ड आकाश दीप सिराज गेंदबाजी हेडिंग्ले टेस्ट स्कोर भारत का सर्वोच्च विदेशी स्कोर शुभमन गिल इंग्लैंड पारी यशस्वी जायसवाल योगदान वाशिंगटन सुंदर प्रदर्शन इंग्लैंड टॉस रणनीति बेन स्टोक्स कप्तानी इंग्लैंड की हार भारत टेस्ट क्रिकेट इतिहास भारत विदेशी टेस्ट जीत जसप्रीत बुमराह वापसी भारत की टेस्ट सीरीज बराबरी भारतीय तेज गेंदबाज भारत बनाम इंग्लैंड एजबेस्टन 2025