
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में शिक्षा की एक बेहद चिंताजनक तस्वीर सामने आई है, जहाँ एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय का भवन इतनी जर्जर हालत में है कि बच्चों को खुले आसमान के नीचे, पेड़ की छाँव में अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ रही है। यह सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य और सुरक्षा पर मंडराता एक बड़ा ख़तरा है।
गंगियापुर गांव के इस प्राथमिक विद्यालय की इमारत देखकर रूह कांप उठती है। इसकी दीवारें जगह-जगह से दरक चुकी हैं, छत के नाम पर सिर्फ टूटा-फूटा ढाँचा बचा है, और दरवाज़े-खिड़कियां तो कब की नदारद हो चुकी हैं। पूरी इमारत जंगली झाड़ियों और टूटे मलबे से पटी पड़ी है, मानो बरसों से इसकी सुध ही न ली गई हो।
इस खतरनाक स्थिति में, मासूम बच्चों को रोज़ाना इसी परिसर में आकर पढ़ना पड़ता है। माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर हर पल चिंतित रहते हैं। उनका कहना है कि यह स्कूल कभी भी ढह सकता है, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। बारिश या तेज़ धूप में तो पढ़ाई असंभव हो जाती है, और खुले में बैठकर पढ़ना कई तरह की बीमारियों का भी कारण बन सकता है।
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने कई बार शिक्षा विभाग और ज़िला प्रशासन से इस बारे में शिकायत की है, लेकिन उनकी गुहार पर कोई सुनवाई नहीं हुई। यह लापरवाही न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि हमारे नौनिहालों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है। ज़रूरत है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस ओर ध्यान दे और बच्चों को एक सुरक्षित और बेहतर शिक्षण माहौल प्रदान करे।
--Advertisement--