
Up Kiran, Digital Desk: क्या आप भी सुबह उठते ही थकान, चिड़चिड़ापन या बिना किसी बात के तनाव महसूस करते हैं? हो सकता है इसके पीछे आपके शरीर में मौजूद एक 'स्ट्रेस हार्मोन' का हाथ हो, जिसे कॉर्टिसोल कहते हैं. सुबह के समय इस हार्मोन का स्तर स्वाभाविक रूप से बढ़ा हुआ होता है, ताकि हमें जागने और दिन की शुरुआत करने में मदद मिले. लेकिन कुछ ऐसी आम सुबह की आदतें हैं, जो इस कॉर्टिसोल के स्तर को अनावश्यक रूप से बढ़ा देती हैं, जिससे आप दिनभर तनाव, चिंता और कम ऊर्जा महसूस कर सकते हैं.
अगर आप भी ऐसे ही किसी अनुभव से गुजर रहे हैं, तो अपनी सुबह की इन 5 आदतों पर गौर करें और उनमें बदलाव लाकर आप अपने कॉर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं और एक ज़्यादा खुशनुमा व ऊर्जावान दिन की शुरुआत कर सकते हैं:
सुबह उठते ही कॉफ़ी पीने से बचें: कई लोगों की दिन की शुरुआत कॉफ़ी के साथ होती है. लेकिन खाली पेट कैफीन लेना आपके कॉर्टिसोल को तेज़ी से बढ़ा सकता है. हमारा शरीर इसे एक 'तनाव' के संकेत के रूप में लेता है और कॉर्टिसोल का उत्पादन बढ़ाता है.
क्या करें: सुबह उठने के कम से कम 90 मिनट बाद कॉफ़ी पीएँ, या फिर नाश्ते के साथ ही कॉफ़ी का सेवन करें. इससे शरीर को संतुलन बनाने का समय मिल जाता है.
नाश्ता बिल्कुल न छोड़ें: अगर आप नाश्ता छोड़ देते हैं या उठने के बहुत देर बाद खाते हैं, तो शरीर इसे एक तरह की 'भूखमरी' की स्थिति मानता है. यह आपके ब्लड शुगर को गिराता है और इसके जवाब में शरीर कॉर्टिसोल छोड़ता है ताकि ऊर्जा का स्तर बना रहे.
क्या करें: उठने के एक घंटे के अंदर कुछ पौष्टिक नाश्ता ज़रूर करें. दलिया, अंडे, फल या स्मूदी जैसे विकल्प अच्छे हैं.
जागते ही फ़ोन पर कूद पड़ना: सुबह आंख खुलते ही सबसे पहले फ़ोन चेक करना – नोटिफिकेशंस, ईमेल, सोशल मीडिया फीड्स – ये सब आपके दिमाग पर तुरंत एक बोझ डाल देते हैं. यह आपके दिमाग को ओवरलोड करता है और तनाव पैदा करता है, जिससे कॉर्टिसोल बढ़ता है.
क्या करें: कम से कम पहले 30-60 मिनट फ़ोन से दूर रहें. इस समय का उपयोग शांति से जागने, हाइड्रेट होने या हल्की स्ट्रेचिंग करने में करें.
सुबह-सुबह ही तेज़ एक्सरसाइज़ करना: अगर आप सुबह के व्यक्ति नहीं हैं और उठते ही तुरंत जिम में जाकर तेज़ एक्सरसाइज़ शुरू कर देते हैं, तो यह भी आपके कॉर्टिसोल को बढ़ा सकता है. शरीर इसे 'फाइट या फ्लाइट' मोड में ले लेता है.
क्या करें: सुबह के लिए हल्की एक्सरसाइज़ जैसे योग, स्ट्रेचिंग या थोड़ी देर टहलना बेहतर है. तेज़ वर्कआउट के लिए दिन का कोई और समय चुनें जब आपका शरीर ज़्यादा तैयार हो.
स्नूज़ बटन बार-बार दबाना: अलार्म बजने के बाद बार-बार स्नूज़ बटन दबाना आपके स्लीप साइकिल को डिस्टर्ब करता है. यह शरीर को भ्रमित करता है और आप और ज़्यादा थके हुए, नींद में और चिड़चिड़े महसूस करते हैं, जो कॉर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है.
क्या करें: एक बार में उठने की आदत डालें. अलार्म को बिस्तर से थोड़ा दूर रखें ताकि आपको उठना पड़े.
ये छोटी-छोटी आदतें आपके दिन की शुरुआत को पूरी तरह बदल सकती हैं और आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकती हैं. इन्हें आज से ही अपनाएँ और देखें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव!
--Advertisement--