
Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर कोई अपनी सेहत को लेकर जागरूक है और अक्सर लोग छोटी-मोटी समस्याओं के लिए घर पर ही उपचार ढूंढने लगते हैं। 'खुद से इलाज' या DIY (डू-इट-योरसेल्फ) हेल्थ ट्रीटमेंट्स काफी लोकप्रिय हो गए हैं। लेकिन क्या होगा अगर ये घरेलू नुस्खे अपनी सीमा लांघ जाएं? क्या आप जानते हैं कि जब आप 'खुद का इलाज' करते हुए हद पार कर देते हैं, तो यह आपके शरीर पर कितना बुरा असर डाल सकता है?
अत्यधिक या गलत तरीके से अपनाए गए DIY हेल्थ ट्रीटमेंट्स कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकते हैं, जिनमें बालों के झड़ने से लेकर हृदय संबंधी जोखिम तक शामिल हैं। आइए जानते हैं क्या-क्या हो सकता है जब घरेलू उपचार जरूरत से ज्यादा किए जाएं:
बालों का अत्यधिक झड़ना या नुकसान: कई लोग बालों की समस्याओं के लिए इंटरनेट पर मिलने वाले घरेलू पैक, तेल या शैम्पू का बेहिसाब इस्तेमाल करते हैं। यदि इन चीजों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री आपके बालों या सिर की त्वचा के अनुकूल नहीं है, या उनका अत्यधिक उपयोग किया जाता है, तो यह बालों को और कमजोर कर सकता है, जिससे अत्यधिक बाल झड़ने लगते हैं, खुजली या संक्रमण भी हो सकता है।
त्वचा संबंधी समस्याएं और जलन: त्वचा को निखारने या मुहांसों से छुटकारा पाने के लिए नींबू, हल्दी, बेकिंग सोडा आदि का अत्यधिक उपयोग त्वचा में जलन, लालिमा, सूखापन, एलर्जी या यहां तक कि स्थायी पिगमेंटेशन का कारण बन सकता है। हर त्वचा का प्रकार अलग होता है, और एक चीज़ जो किसी के लिए काम करती है, वह दूसरे के लिए हानिकारक हो सकती है।
पाचन संबंधी विकार: कुछ लोग वजन घटाने या डिटॉक्स के नाम पर अत्यधिक जड़ी-बूटियों, रेचक (laxatives) या विशेष पेय पदार्थों का सेवन करते हैं। इनका अत्यधिक उपयोग पेट में ऐंठन, दस्त, पोषक तत्वों की कमी और लंबे समय में पाचन तंत्र को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।
किडनी और लिवर पर दबाव: बिना जानकारी के किसी भी जड़ी-बूटी या सप्लीमेंट का अत्यधिक सेवन सीधे तौर पर आपके लिवर और किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। ये अंग शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं, और गलत या अत्यधिक खुराक इन अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।
हृदय स्वास्थ्य पर जोखिम और छिपी बीमारियां: कुछ चरम डाइट प्लान या डीटॉक्स प्रोग्राम शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित कर सकते हैं, जिससे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है। गंभीर मामलों में, यह दिल की धड़कन (Arrhythmia) को प्रभावित कर सकता है और हृदय संबंधी जोखिमों को बढ़ा सकता है। सबसे बड़ा खतरा यह है कि आप किसी गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करके खुद इलाज करते रहें, जिससे असली बीमारी का निदान और उपचार देर से हो पाता है।
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