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Up Kiran, Digital Desk: एक नए अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि ध्यान घाटे और अति सक्रियता विकार (ADHD) से ग्रस्त वयस्कों के खराब जीवन की गुणवत्ता का एक बड़ा और अक्सर अनदेखा किया जाने वाला कारण अनिद्रा (Insomnia) हो सकती है। यह शोध उन लाखों वयस्कों के लिए महत्वपूर्ण है जो एडीएचडी के साथ जीते हैं और अपने दैनिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना करते हैं।

एडीएचडी एक न्यूरोडेवलपमेंटल विकार है जो ध्यान देने में कठिनाई, अति सक्रियता और आवेगी व्यवहार (impulsive behavior) से जुड़ा है। अब तक, एडीएचडी के प्रबंधन में मुख्य ध्यान इन लक्षणों पर ही रहा है, लेकिन यह नया अध्ययन नींद की भूमिका को उजागर करता है।

अध्ययन के अनुसार, अनिद्रा का सीधा संबंध एडीएचडी से ग्रस्त वयस्कों में जीवन की निम्न गुणवत्ता से है। इसका मतलब यह है कि अगर एडीएचडी वाले व्यक्ति को नींद की गंभीर समस्या है, तो उसके जीवन की समग्र गुणवत्ता – जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक संबंध, उत्पादकता और सामान्य खुशहाली शामिल है – काफी हद तक प्रभावित हो सकती है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि अनिद्रा का प्रभावी ढंग से इलाज किया जाता है, तो इससे एडीएचडी वाले वयस्कों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। यह एक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि है, क्योंकि अक्सर एडीएचडी के लक्षणों पर इतना ध्यान दिया जाता है कि नींद की समस्याओं को या तो नज़रअंदाज कर दिया जाता है या उन्हें केवल एडीएचडी का एक सामान्य सह-उत्पाद (by-product) मान लिया जाता है, न कि एक महत्वपूर्ण समस्या के रूप में जिसका अलग से इलाज किया जाना चाहिए।

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