Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में छोटे सरकार के नाम से पहचान बनाने वाले अनंत कुमार सिंह एक बार फिर सुर्खियों के बीच हैं। उनकी सफेद पोशाक, काला चश्मा और दमदार व्यक्तित्व उन्हें भीड़ में भी अलग पहचान देते हैं। मोकामा और आसपास के इलाकों में उनका समर्थन आधार अब भी बेहद मजबूत माना जाता है।
मतगणना में जदयू को बढ़त, विरोधी पीछे छूटे
सुबह 8 बजे शुरू हुई गिनती ने माहौल गर्म कर दिया। शुरुआती आंकड़ों में जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह ने 4,524 वोटों की ठोस बढ़त ले ली है। राजद की वीणा देवी उनसे 1,808 वोटों से पिछड़ रही हैं। वहीं जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष अभी सिर्फ 262 वोटों पर सिमटे दिख रहे हैं।
इन शुरुआती रुझानों ने साफ कर दिया कि छोटे सरकार की लोकप्रियता अब भी बरकरार है और मुकाबला जितना कड़ा दिख रहा था, उतना कठिन शायद जमीन पर साबित नहीं हो रहा।
मोकामा: राजनीति की हॉट सीट
मोकामा सीट को बिहार की सबसे चर्चित सीटों में गिना जाता है। पिछले करीब दो दशकों से यहां अनंत सिंह का प्रभाव साफ दिखाई देता रहा है। उन्होंने 2005 और 2010 में जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की, जबकि 2015 में निर्दलीय रहते हुए भी उन्होंने सीट बचा ली। 2020 में उन्होंने राजद का दामन थामा और चुनाव जीता, लेकिन 2022 में दोषसिद्धि के कारण उनकी सदस्यता चली गई। इसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने उपचुनाव जीतकर परिवार का राजनीतिक किला बचाए रखा।
अब वे फिर से जदयू में लौट आए हैं और अपनी पुरानी सीट वापस लेने की कोशिश में हैं।




