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Up Kiran, Digital Desk: वर्तमान वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में एक नई तकनीकी चुनौती उभर कर सामने आई है, जो सैन्य रणनीतियों को बदल सकती है। चीन ने एक ऐसे हथियार की जानकारी दी है, जिसे ‘ग्रेफाइट बम’ के नाम से जाना जा रहा है और इसके संभावित प्रभावों ने विश्व समुदाय को सतर्क कर दिया है।

चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार यह बम किसी पारंपरिक विस्फोटक हथियार की तरह तेज धमाके से हमला नहीं करता, बल्कि चुपचाप दुश्मन की आधारभूत संरचनाओं को बाधित कर युद्ध की दिशा बदल सकता है। इस नई तकनीक का मुख्य उद्देश्य युद्ध से पहले ही विरोधी पक्ष को मानसिक और भौतिक रूप से कमजोर कर आत्मसमर्पण के करीब पहुंचाना है।

सीसीटीवी के एक खास चैनल पर इस ग्रेफाइट बम का एनिमेशन प्रदर्शित किया गया, जिसमें एक मिसाइल को जमीन से छोड़ा जाता है। मिसाइल से 90 छोटे-छोटे गोलों का विस्तार होता है, जो हवा में सूक्ष्म कार्बन फिलामेंट का एक जाल फैला देते हैं। यह जाल बिजली के ग्रिड में शॉर्ट सर्किट पैदा करता है और 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति को बाधित कर देता है।

हालांकि, एनिमेशन में इस हथियार के तकनीकी विवरणों का खुलासा नहीं किया गया, विशेषज्ञों का मानना है कि यह हथियार अमेरिका द्वारा इराक और कोसोवो में इस्तेमाल किए गए ग्रेफाइट बम जैसा ही है। इसके दावे के अनुसार, इस बम की मारक क्षमता लगभग 290 किलोमीटर है और इसका वारहेड करीब 490 किलोग्राम का है। इसी वजह से इसे ताइवान के महत्वपूर्ण पावर सबस्टेशनों पर लक्षित हमले के लिए खास तौर पर तैयार माना जा रहा है।

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