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Up Kiran, Digital Desk: होम्योपैथी उपचार लेते समय अक्सर मरीजों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या वे अपनी पसंदीदा चीज़ें जैसे कॉफी, चॉकलेट, या कुछ खास मसालों और गंध वाली चीज़ों का सेवन कर सकते हैं या नहीं। पारंपरिक तौर पर कई होम्योपैथिक चिकित्सक कुछ चीज़ों से परहेज करने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या ये नियम अटल हैं? इस विषय पर एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

विशेषज्ञ के अनुसार, यह धारणा काफी प्रचलित है कि कॉफी, पुदीना (मिंट), लहसुन और कुछ अन्य तेज गंध या स्वाद वाली चीज़ें होम्योपैथिक दवा की क्रिया को बाधित कर सकती हैं या उसके प्रभाव को 'एंटीडोट' (बेअसर) कर सकती हैं। यह सलाह इस सिद्धांत पर आधारित है कि होम्योपैथिक उपचार शरीर की सूक्ष्म ऊर्जा प्रणाली (vital force) पर काम करता है, और बहुत तेज या उत्तेजक पदार्थ उस सूक्ष्म क्रिया में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

कॉफी को विशेष रूप से इसकी उत्तेजक प्रकृति और तेज गंध के कारण अक्सर परहेज करने वाली चीज़ों की सूची में रखा जाता है। माना जाता है कि यह दवा के शांत और गहरे प्रभाव को प्रभावित कर सकती है। चॉकलेट, खासकर डार्क चॉकलेट जिसमें कैफीन होता है, को भी कभी-कभी इसी श्रेणी में रखा जा सकता है, हालांकि इसका प्रभाव कॉफी जितना तेज नहीं माना जाता। पुदीना और लहसुन जैसी चीज़ों को उनकी तेज गंध के कारण सूची में शामिल किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि यह दवा के मुंह के माध्यम से अवशोषण या उसके सूक्ष्म प्रभाव को बाधित कर सकती हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं कि यह मामला उतना सीधा नहीं है जितना अक्सर समझा जाता है। दवा के प्रभाव पर इन चीज़ों का असर कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे ली जा रही होम्योपैथिक दवा की पोटेंसी (क्षमता), दवा लेने की फ्रीक्वेंसी (कितनी बार ले रहे हैं), व्यक्ति की संवेदनशीलता और सेवन की जा रही चीज़ की मात्रा।

कुछ उच्च पोटेंसी वाली और बहुत सूक्ष्म तरीके से काम करने वाली दवाओं के मामले में परहेज अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। वहीं, कुछ कम पोटेंसी वाली दवाओं या कुछ खास मरीजों के लिए, इन चीज़ों का हल्का या सीमित सेवन शायद उतना हानिकारक न हो।

क्या करें?

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको हमेशा अपने इलाज कर रहे होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह माननी चाहिए। वे आपकी विशिष्ट स्थिति, दी गई दवा और उसकी पोटेंसी के आधार पर सबसे सटीक मार्गदर्शन दे सकते हैं। यदि वे किसी चीज़ से परहेज करने को कहते हैं, तो उसका पालन करना उपचार की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आपको किसी चीज़ के सेवन को लेकर संदेह है, तो सीधे अपने डॉक्टर से पूछें।

 होम्योपैथी उपचार के दौरान कुछ चीज़ों से परहेज की सलाह का एक पारंपरिक आधार है, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव व्यक्तिगत और चिकित्सीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है। इसलिए, अपने होम्योपैथ की सलाह का पालन करना ही सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।

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