Up Kiran, Digital Desk: चेन्नई और तमिलनाडु में दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स पर एक बार फिर शिकंजा कसता दिख रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कंपनी से जुड़े 7 ठिकानों पर छापेमारी की। ये कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है।
ईडी की रेड में शामिल हुए TNFDA अधिकारियों के घर
ईडी ने सिर्फ श्रीसन फार्मा पर ही नहीं, बल्कि तमिलनाडु फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (TNFDA) के बड़े अधिकारियों के घरों पर भी छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक, ये छापेमारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की हालिया रिपोर्ट के बाद की गई, जिसमें TNFDA की बड़ी लापरवाहियाँ उजागर हुई थीं।
बिना टेस्टिंग के एक दशक तक बेची गई खतरनाक दवाएं!
खुलासे में बताया गया कि श्रीसन फार्मा को 2011 में TNFDA से लाइसेंस मिला था। इसके बावजूद कंपनी ने 10 साल से ज्यादा बिना किसी गंभीर जांच के अपना धंधा चलाया। यही नहीं, CDSCO को इस कंपनी के बारे में कोई जानकारी तक नहीं थी, क्योंकि राज्य के अधिकारियों ने उन्हें कभी सूचित ही नहीं किया।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप से गई मासूमों की जान
मामला तब गंभीर हुआ जब मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस कंपनी की बनाई कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद दिल्ली, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और पंजाब ने भी इस सिरप पर रोक लगा दी।
क्या दवाओं में मिलावट या एक्सपायरी सामग्री का था इस्तेमाल?
तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि जांच में सिरप के सैंपल मिलावटी पाए गए। स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने साफ किया कि यह देखा जाएगा कि कहीं एक्सपायरी दवाएं तो नहीं बेची गईं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



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