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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब इंडिया गठबंधन लगभग टूट चुका है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों पर बात नहीं बन पाई है। अब  दोनों ही पार्टियां राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन अंतिम समय में बात नहीं बन पाई। हालांकि अभी तक दोनों ही राजनीतिक पार्टियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। राष्ट्रीय लोक दल पहले ही एनडीए का हिस्सा बन चुका है।

उल्लेखनीय है कि सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बटवारे को लेकर के दौर की बातचीत हुई, लेकिन बात नहीं बन पाई। सूत्रों के अनुसार सपा ग्रेस को यूपी में कुल 17 सीटों का ऑफर दे रही थी, लेकिन कांग्रेस 30 से कम सीटों पर बात करने के लिए राजी नहीं थी। कांग्रेस ने सीटों की एक लिस्ट भी सपा को दी गई थी। इस लिस्ट पर कांग्रेस कोई बदलाव करने के लिए तैयार नहीं थी।

वहीँ सपा की ओर से दिए गए ऑफर में अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, अमरोहा, बागपत, सहारनपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, हाथरस, झांसी, बाराबंकी, कानपुर, सीतापुर, कैसरगंज और महाराजगंज सीट शामिल थी। इसमें से कई ऐसी सीटें भी थी जिसको लेकर दोनों पार्टियों के बीच मतभेद था। इसके अलावा गत दिनों सपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी के दी। इसमें कुछ ऐसी सीटें है, जिसपर कांग्रेस को आपत्ति थी।

समाजवादी पार्टी के रूख को देखते हुए कांग्रेस भी सख्त हो गयी थी। प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अजय राय ने भी सपा को तल्ख संदेश दिया था। राय ने स्पष्ट कहा था कि हम प्रदेश की सभी अस्सी लोकसभा सीट पर तैयारी कर रहे हैं। इसके बाद सपा और कांग्रेस के बीच  जमकर बयानबाजी हुई थी। बाद में कांग्रेस हाईकमान को हस्तक्षेप भी करना पड़ा था। इस तरह अब यूपी में कांग्रेस और सपा के रास्ते हुए अलग हो चुके हैं हालांकि अभी तक दोनों ही राजनीतिक दलों की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। 
 

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