_1155157789.png)
Up Kiran, Digital Desk: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान को धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी का फोकस अब उन मुद्दों पर है जो सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े हैं—जैसे महंगाई, रोजगार, आरक्षण और चुनावी प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियां। पार्टी का मानना है कि इन मुद्दों पर जनता का भरोसा जीतकर एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
भाजपा की नीतियों पर सवाल, 'गले मिलो' कूटनीति पर तंज
पटना के सदाकत आश्रम में हुई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की अहम बैठक में देश की विदेश नीति पर भी चर्चा हुई। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत संबंधों पर आधारित कूटनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय नीति दोस्ती से नहीं, देशहित से तय होनी चाहिए। उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार और वीजा से जुड़ी घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि यह सब भारत के हित में नहीं गया।
वोटर लिस्ट में धांधली पर चिंता, जनता के अधिकारों की बात
बैठक में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर भी गंभीर चर्चा हुई। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के जरिए वोटर लिस्ट में हेरफेर कर भाजपा सत्ता में बने रहने की योजना बना रही है। केसी वेणुगोपाल ने बताया कि इस मुद्दे पर हस्ताक्षर अभियान शुरू हो चुका है और जल्द ही पांच करोड़ से अधिक लोगों के दस्तखत निर्वाचन आयोग को सौंपे जाएंगे।
अतिपिछड़ा वर्ग को न्याय दिलाने का वादा
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर ‘अतिपिछड़ा न्याय संकल्प’ को तुरंत लागू किया जाएगा। उनका कहना था कि पिछले 20 वर्षों से बिहार में सत्ता में रहने के बावजूद नीतीश कुमार ने इस वर्ग के हक में ठोस कदम नहीं उठाए। कांग्रेस ने हाल ही में इस वर्ग के लोगों के साथ बातचीत कर एक व्यापक योजना तैयार की है।
कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान पर समझौता नहीं
बैठक के दौरान राहुल गांधी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर विचार-विमर्श जारी है। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि पार्टी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी, भले ही राजनीतिक समीकरण कुछ भी कहें।
सियासी भविष्य की झलक: तेलंगाना से बिहार तक
जयराम रमेश ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि जिस तरह तेलंगाना में CWC बैठक के बाद कांग्रेस की सरकार बनी, उसी तरह पटना की यह बैठक भी बिहार में बदलाव का संकेत है। उनका दावा था कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनना तय है।