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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के पूर्वी हिस्से में दूषित पेयजल की आपूर्ति को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अगर नागरिकों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा है, तो यह 'जीवन के अधिकार' का उल्लंघन है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने की।

यह मामला एक याचिका के जवाब में सामने आया, जिसमें पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति का आरोप लगाया गया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि दूषित पानी के कारण क्षेत्र में बीमारियाँ फैल रही हैं, जिससे निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया और दिल्ली जल बोर्ड को तुरंत इस समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना सरकार और संबंधित अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

यह मामला दिखाता है कि कैसे नागरिक निकाय अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल हो रहे हैं और कैसे न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है ताकि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जा सके। दूषित पानी की समस्या केवल न्यू अशोक नगर तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली के कई अन्य हिस्सों में भी यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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