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Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हालिया मौसम ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जहां लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। इस बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दो अन्य लोग लापता हैं। जिले के अधिकारियों के मुताबिक, यह आपदा सोमवार सुबह 4 बजे के आसपास हुई भारी बारिश के कारण और भी बढ़ गई।
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि इस मूसलधार बारिश के चलते बड़े पैमाने पर मलबा नहरों में बहकर आ गया है, जिससे और भी नुकसान हुआ। बचाव कार्य जारी है, लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। मंडी नगर आयुक्त रोहित राठौर के मुताबिक, इलाके में मलबे का असर भी काफी गहरा हुआ है, और अधिकारी लगातार स्थिति का जायजा लेकर उपायों को तेज कर रहे हैं।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का मुआयना किया। उन्होंने कहा, "यह क्षेत्र पहले कभी इतनी भयंकर आपदा का शिकार नहीं हुआ था। बाढ़ के कारण अब तक तीन शव बरामद किए गए हैं और एक व्यक्ति लापता है। एनडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं। बारिश अब भी जारी है, और मैं सभी से अपील करता हूँ कि वे सावधानी बरतें।"
सड़क संपर्क और बिजली आपूर्ति पर असर
मंडी जिले में 26 दिन बाद भी सड़क संपर्क पूरी तरह से बाधित है, और 130 सड़कों पर यातायात ठप है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के आंकड़ों के अनुसार, सेराज क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां 81 सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, थलौट, धरमपुर और करसोग जैसे अन्य क्षेत्रों में भी सड़कों का बुरा हाल है। इसके साथ ही, बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, और 75 ट्रांसफार्मरों को ठीक करने में वक्त लग रहा है। कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिले में बिजली कटौती से भी लोगों को परेशानी हो रही है।
मनसून की विनाशलीला
राज्य में इस मानसून में अब तक भारी तबाही मच चुकी है, और बारिश ने बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं को जन्म दिया है। इस मानसूनी मौसम में अब तक 135 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से 76 मौतें भूस्खलन और बाढ़ जैसे कारणों से हुई हैं, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में 59 लोग मारे गए हैं।
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