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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के सिकंदरपुर विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी द्वारा कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए विवादित बयान ने धर्म और राजनीति के बीच नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान में रिजवी ने कांवड़ यात्रा को उन लोगों की यात्रा करार दिया है जो अंधविश्वास और शिक्षा की कमी से जूझ रहे हैं। इस टिप्पणी के बाद BJP ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे सपा के शीर्ष नेतृत्व की रणनीति बताया है।

रिजवी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि कांवड़ यात्रा में मुख्य रूप से गांव के वे लोग शामिल होते हैं जो अनपढ़ हैं और अंधविश्वास के शिकार हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस धार्मिक आयोजन में कोई आईएएस, पीसीएस अधिकारी या बड़े राजनेताओं के बेटे भाग लेते हैं। इस बात ने राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ लिया है और BJP के नेताओं ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान माना है।

BJP के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के पैगंबर की शान में अगर कोई अपशब्द कहे तो पूरे देश में गुस्सा होता है, लेकिन हिंदू धर्म की परंपराओं और रीति-रिवाजों का अपमान सहन कर लिया जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब कुछ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा है।

बलिया के BJP विधायक और राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी सपा विधायक की आलोचना करते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा एक श्रद्धा का विषय है और इसमें भाग लेने के लिए किसी विशेष शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने बताया कि लाखों शिवभक्त हर साल बड़ी श्रद्धा के साथ कांवड़ लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं, जो समाज की आस्था को दर्शाता है।

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