
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में काम कर रहे लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए योगी सरकार ने एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में, सरकार ने विभिन्न विभागों और संस्थानों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को 16,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक का मासिक मानदेय देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
अब सीधे खाते में आएगा पैसा, खत्म होगी बिचौलियों की भूमिका
इस फैसले की जानकारी देते हुए राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि अब तक मानदेय या वेतन की राशि सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) के खाते में जमा की जाती थी, जिससे कर्मचारियों को उनका पूरा वेतन न मिलने की शिकायतें आती रहती थीं। इस समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
खन्ना ने बताया, "सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को एक सम्मानजनक वेतन, बेहतर सेवा शर्तें और आरक्षण का लाभ मिले।"
क्या हैं नई सेवा शर्तें:सेवा प्रदाताओं का चयन अब सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
कर्मचारियों को महीने में 26 दिन काम पर रखा जाएगा।
हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच उनका मानदेय मिल जाएगा।
कर्मचारियों की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए होगी।
सेवा के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
आउटसोर्सिंग में भी मिलेगा आरक्षण
सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक यह है कि अब आउटसोर्सिंग के आधार पर होने वाली नियुक्तियों में भी आरक्षण लागू होगा। इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित, दिव्यांग और महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
नए विश्वविद्यालयों में 948 पदों को मंजूरी
इसके अलावा, कैबिनेट ने राज्य में नव स्थापित तीन विश्वविद्यालयों के कामकाज को मज़बूत करने के लिए 948 नए पद बनाने की भी मंजूरी दी है। ये विश्वविद्यालय हैं - मुरादाबाद में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, मिर्जापुर में माँ विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय और बलरामपुर में माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय। इन नए पदों में 468 अस्थायी गैर-शिक्षण पद और 480 पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाएंगे।