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Up Kiran, Digital Desk: गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके में मंगलवार को उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया जब आम आदमी पार्टी से जुड़े नेता कुंज बिहारी निषाद ने इलाज के दौरान निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। बीते 23 अगस्त को हुए एक हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बाद वे अस्पताल में भर्ती थे। उनकी मौत की खबर मिलते ही परिवार और पार्टी के कार्यकर्ता भड़क उठे। आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते यह दुखद घटना हुई।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

कुंज बिहारी निषाद, जो पेशे से बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर भी थे, बीते नगर निगम चुनाव में वार्ड 14 राजेंद्र नगर से पार्षद पद के लिए भी मैदान में उतर चुके थे। जानकारी के मुताबिक, मोहल्ले में ही अभिषेक पांडेय के घर का निर्माण चल रहा था, जहां कुंज बिहारी ने बालू मिट्टी सप्लाई की थी। इसी को लेकर 23 अगस्त की शाम वे अपने साले के साथ पैसे मांगने गए थे। आरोप है कि उसी दौरान अभिषेक और उसके करीब एक दर्जन साथियों ने दोनों पर जानलेवा हमला कर दिया।

घटना के बाद घायल कुंज बिहारी और उनके साले को गोरखनाथ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मामले में अभिषेक पांडेय, हिमाचल पांडेय और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

इलाज में लापरवाही का आरोप, अस्पताल पर हंगामा

मंगलवार सुबह जब कुंज बिहारी की मौत हुई तो उनके परिवारवाले और पार्टी कार्यकर्ता गुस्से में आ गए। उन्होंने इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर भारी हंगामा किया। कुछ लोगों ने अस्पताल स्टाफ से बदसलूकी की, तो वहीं कुछ ने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी।

जैसे ही बवाल की खबर पुलिस तक पहुंची, मौके पर टीम भेजी गई। लेकिन भीड़ को काबू करना आसान नहीं था। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। अचानक पथराव होने लगा, जिसमें गोरखनाथ थाने के एसएचओ शशि भूषण राय गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सिर में चोट लगी और उन्हें तत्काल अस्पताल में ले जाकर सिटी स्कैन कराया गया।

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