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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। पुलिस उपायुक्त (DCP) आर. अशोक, जिन्होंने मुख्यमंत्री के गुस्से का सामना करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था, अब उन्हें एक और महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर दिया गया है। यह घटनाक्रम दिखाता है कि पुलिस सेवा में कई बार हालात कैसे अप्रत्याशित मोड़ ले लेते हैं।

यह पूरा मामला बेंगलुरु में यातायात प्रबंधन से जुड़ा है। मुख्यमंत्री को वीआईपी आवाजाही के दौरान बेंगलुरु के खराब यातायात प्रबंधन को लेकर गुस्सा आया था। फरवरी 2024 में एक घटना हुई, जब मुख्यमंत्री के काफिले को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। इस बात से नाराज सीएम ने मौके पर ही ट्रैफिक अधिकारियों को फटकार लगाई थी।

इसी घटना के तुरंत बाद, डीसीपी अशोक ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दे दिया था, जिससे यह मामला सुर्खियों में आ गया। कई लोगों को लगा कि अधिकारी ने मुख्यमंत्री की सार्वजनिक फटकार से आहत होकर यह कदम उठाया है।

 उनकी वीआरएस की अर्जी स्वीकार होने से पहले ही सरकार ने एक नया फैसला लिया। कर्नाटक सरकार ने आर. अशोक को पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के पुलिस उपायुक्त (DCP) के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है। यह पद भी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी वाला माना जाता है, भले ही यह सीधे तौर पर ट्रैफिक प्रबंधन से न जुड़ा हो।

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