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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (DHCBA) ने उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना द्वारा जारी उस नोटिफिकेशन की कड़ी निंदा की है, जो पुलिस कर्मियों को पुलिस स्टेशनों से ही अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सबूत पेश करने की अनुमति देता है। DHCBA की कार्यकारी समिति ने इस नोटिफिकेशन को तुरंत वापस लेने की मांग की है, क्योंकि उनका मानना है कि यह निष्पक्ष सुनवाई (fair trial) के सिद्धांतों के खिलाफ है।

DHCBA की क्या है चिंता?

DHCBA ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा, "दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति का पक्का मानना ​​है कि इस नोटिफिकेशन को वापस ले लेना चाहिए क्योंकि यह न्याय के बुनियादी सिद्धांतों और निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के विरुद्ध है। इसे लागू करने से सुनवाई की प्रक्रिया खतरे में पड़ जाएगी और ऐसे मामलों के नतीजों पर भी बुरा असर पड़ेगा।"

क्या है LG का नोटिफिकेशन?

13 अगस्त के इस नोटिफिकेशन के अनुसार, पुलिस स्टेशनों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्षों को "निर्दिष्ट स्थान" (designated places) घोषित किया गया है, जहाँ से पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों में गवाही दे सकते हैं।

DHCBA का मानना है कि इस कदम से न्याय प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह सुनिश्चित करना मुश्किल होगा कि गवाहों की पेशी निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।

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