
छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के पास एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक DSP की पत्नी पुलिस वाहन की बोनट पर बैठकर जन्मदिन का केक काटती दिख रही हैं। वीडियो में वाहन नीली बत्ती से लैस है और उसी पर महिला केक काटते हुए नजर आ रही हैं। साथ ही कई महिलाएं कार के दरवाजों और सनरूफ से खड़ी होकर सेलिब्रेशन कर रही हैं ।
इस घटना को देख सार्वजनिक आलोचना शुरू हो गई और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। सरागवान पुलिस थाने में एक FIR दर्ज कराई गई है, लेकिन इसमें चालित करने वाले ‘अज्ञात ड्राइवर’ के नाम का उल्लेख किया गया है । मामला छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी उठाया है, उन्होंने कहा कि यह आधिकारिक वाहन का दुरुपयोग है और क्या इस तरह की घटनाओं पर पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं है? क्या अफसरों के परिवार कानून से ऊपर हैं? ।
FIR के तहत मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 177 (ट्रैफिक का उल्लंघन), 184 (यर एंड ड्राइविंग), और 281 (गैर-कानूनी शोभा-आडम्बर) लगाई गई है। ये धाराएँ चालकों पर जुर्माना या जेल की सजा भी लागू कर सकती हैं ।
इस जीवन्त कांग्रेस की प्रतिक्रिया में ‘डबल स्टैंडर्ड’ के आरोप लगते हैं – आम जनता को ट्रैफिक की मामूली गलती पर सख़्त सज़ा मिलती है, मगर अफसरों के परिवार को छोड़ दिया जाता है ।
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