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Up Kiran, Digital Desk:  राजस्थान की राजधानी जयपुर का एक मशहूर और प्रतिष्ठित स्कूल, नीरजा मोदी, आज सवालों के घेरे में है। स्कूल में छठी क्लास में पढ़ने वाली एक मासूम बच्ची की अचानक हुई मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। एक परिवार ने अपनी लाडली खो दी है, और अब वे बस यह जानना चाहते हैं कि आखिर उनकी बेटी के साथ उस दिन स्कूल में ऐसा क्या हुआ था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अब राजस्थान सरकार भी सख्त हो गई है।

क्या है यह दिल दहला देने वाली घटना?

 

मामला जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल का है, जो शहर के बड़े स्कूलों में गिना जाता है। यहां छठी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा की स्कूल परिसर में ही तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। परिवार वालों का आरोप है कि स्कूल ने उन्हें समय पर सही जानकारी नहीं दी और बच्ची को अस्पताल पहुंचाने में भी लापरवाही बरती गई। वे बस यही पूछ रहे हैं कि जब उनकी बच्ची सुबह हंसते-खेलते हुए स्कूल गई थी, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि वह वापस घर नहीं लौट सकी।

यह घटना उन हजारों माता-पिता के लिए एक बुरे सपने जैसी है, जो अपने बच्चों को एक अच्छे और सुरक्षित भविष्य के लिए ऐसे नामी स्कूलों में भेजते हैं। इस मामले ने एक बार फिर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और इमरजेंसी में उठाए जाने वाले कदमों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का सख्त रुख

 

जैसे ही यह मामला सामने आया, राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर जांच में स्कूल की तरफ से जरा सी भी लापरवाही पाई गई, तो स्कूल के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा, "यह घटना बेहद दुखद है। एक बच्ची की जान चली गई। हमने जांच के आदेश दे दिए हैं। अगर स्कूल प्रबंधन की कोई गलती सामने आती है, तो हम ऐसा एक्शन लेंगे जो एक मिसाल बनेगा।" उनके इस बयान से साफ है कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है और परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पुलिस जांच में क्या सामने आ रहा है?

 

इस मामले में पुलिस भी अपनी जांच कर रही है। स्कूल के स्टाफ से पूछताछ की जा रही है और उस दिन की घटनाओं का क्रम समझने की कोशिश की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि बच्ची की तबीयत कब और कैसे बिगड़ी, और उसके बाद स्कूल ने क्या कदम उठाए। परिवार वालों को उम्मीद है कि पुलिस की जांच से सच सामने आएगा और उन्हें पता चल सकेगा कि उनकी बेटी के आखिरी पलों में क्या हुआ था।

यह सिर्फ एक बच्ची की मौत का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारे सिस्टम पर, स्कूलों पर और हमारे भरोसे पर एक सवाल है। पूरा समाज आज उस परिवार के साथ खड़ा है और न्याय का इंतजार कर रहा है।