
Up Kiran, Digital Desk: आजकल शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) पर तो सबकी नज़र होती है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) भी उतना ही जरूरी है। दुख की बात यह है कि हमारे देश में इसे लेकर बहुत चुप्पी है। इसी चुप्पी को तोड़ने के लिए अब एक बड़ा कदम उठाया गया है। बॉलीवुड की सबसे बड़ी सितारों में से एक, दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone), को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) की तरफ से मानसिक स्वास्थ्य एडवोकेसी ब्रांड एंबेसडर के तौर पर एक बड़ी और ज़रूरी भूमिका सौंपी गई है।
इस काम के लिए दीपिका पादुकोण का चुनाव होना बहुत ख़ास है। हम सब जानते हैं कि कुछ साल पहले दीपिका ख़ुद डिप्रेशन (Depression) जैसी गंभीर समस्या से जूझ चुकी हैं। यह ऐसी मानसिक बीमारी थी जिसने उनके काम और पर्सनल लाइफ़, दोनों को बुरी तरह से प्रभावित किया था। उन्होंने न सिर्फ बहादुरी से इस बीमारी का सामना किया, बल्कि इसके बाद लोगों को जागरूक करने का बीड़ा भी उठाया।
अपनी निजी लड़ाई के अनुभव से ही प्रेरित होकर उन्होंने द लिव लव लाफ फाउंडेशन (The Live Love Laugh Foundation) की स्थापना की थी। इस फाउंडेशन का काम भारत में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति चुप्पी को तोड़ना और इस दिशा में सकारात्मक माहौल बनाना है।
अब सरकारी तौर पर, MoHFW के ब्रांड एंबेसडर के रूप में, दीपिका देश के लाखों-करोड़ों लोगों को सीधे तौर पर प्रेरित करेंगी।
बदल जाएगा जागरूकता का माहौल: जब कोई इतना बड़ा चेहरा एडवोकेसी (किसी चीज की तरफदारी) करता है, तो इसका असर ज़मीनी स्तर पर तेज़ी से होता है। मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता (Mental Health Awareness) के लिए यह ज़िम्मेदारी स्वीकार करके दीपिका समाज को दो बड़े संदेश दे रही हैं:
संकोच न करें: अगर कोई सेलिब्रिटी डिप्रेशन के बारे में खुलकर बात कर सकता है, तो आम आदमी को भी अपनी समस्या बताने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।
समस्या को स्वीकार करें:डिप्रेशन या तनाव कोई कमजोरी नहीं है, बल्कि एक बीमारी है जिसका इलाज हो सकता है।
उम्मीद है कि स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) के साथ जुड़कर दीपिका पादुकोण अपनी सेलेब्रिटी पावर का इस्तेमाल करेंगी, ताकि भारत में लोग मानसिक स्वास्थ्य को इतनी ही गंभीरता से लेना शुरू कर दें जितना वो शारीरिक स्वास्थ्य को देते हैं। यह भारत में मानसिक स्वास्थ्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पहल है।