
Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व नज़दीक आ रहा है, राजधानी दिल्ली के प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) में उत्सव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। कृष्ण जन्माष्टमी, जो इस वर्ष 16 अगस्त को मनाई जाएगी, के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। इसे देखते हुए, दिल्ली पुलिस ने भक्तों की सुरक्षा और सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रतिबंधों की घोषणा की है।
कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल और नियंत्रित प्रवेश:
भक्तों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए, मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे। पुलिस के अनुसार, मुख्य मंदिर में प्रवेश के लिए सभी आगंतुकों को केवल मंदिर मार्ग से ही अनुमति दी जाएगी। इस मार्ग तक पहुँचने के लिए, श्रद्धालु काली बाड़ी मार्ग या पेशवा रोड का उपयोग कर सकते हैं। प्रवेश द्वार पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (DFMDs) से गुजरने के बाद ही भक्तों को मंदिर में प्रवेश मिल पाएगा।
पुलिस ने सभी भक्तों से सुरक्षाकर्मियों के साथ पूरा सहयोग करने की अपील की है, ताकि सभी के लिए एक सुरक्षित और सुखद अनुभव सुनिश्चित हो सके।
क्या लाएं, क्या न लाएं: मंदिर परिसर के लिए ज़रूरी दिशानिर्देश
सुरक्षा को और भी पुख्ता बनाने के लिए, पुलिस ने कुछ वस्तुओं को मंदिर परिसर के अंदर ले जाने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है। इन निषिद्ध वस्तुओं में शामिल हैं:
यह निर्णय सुरक्षा जांच को तेज़ करने और किसी भी संभावित जोखिम को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है।
जूतों के लिए सुविधाजनक व्यवस्था:परंपरा के अनुसार, भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते-चप्पल उतारने होंगे। मंदिर अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जूते-चप्पल जमा करने की सुरक्षित व्यवस्था की है। ये सुविधाएँ काली बाड़ी मार्ग के पास और पेशवा रोड पर स्थित हिंदू महा सभा कार्यालय के बगल में उपलब्ध कराई गई हैं।
यातायात और अन्य व्यवस्थाएं:जन्माष्टमी उत्सव के दौरान, मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में यातायात प्रतिबंध भी लागू रहेंगे। पुलिस ने ड्राइवरों और श्रद्धालुओं से यातायात नियमों का पालन करने और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने का आग्रह किया है।
दिल्ली पुलिस का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि लाखों श्रद्धालु बिना किसी बाधा के श्रद्धापूर्वक लक्ष्मी नारायण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मना सकें और भगवान कृष्ण के जन्म का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। सभी से सहयोग की अपील की जाती है ताकि यह पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके।
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