Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के ज़हरीले प्रदूषण से परेशान लोगों के लिए एक बड़ी और उम्मीद भरी खबर आई है. आसमान में ‘क्लाउड सीडिंग’ यानी कृत्रिम बारिश कराने का पहला ट्रायल सफल हो गया है. मंगलवार को एक विशेष विमान ने दिल्ली के कुछ हिस्सों में बादलों के बीच सिल्वर आयोडाइड का छिड़काव किया, जिसके बाद अब उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ घंटों में बारिश हो सकती है.
यह परीक्षण उस समय किया गया है जब दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में है और लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. इस मुश्किल से निपटने के लिए ही सरकार और IIT कानपुर मिलकर कृत्रिम बारिश की तकनीक पर काम कर रहे हैं.
कैसे हुआ यह ट्रायल: आज सुबह, एक छोटे विमान ने दिल्ली के ऊपर उड़ान भरी और मध्य और उत्तरी दिल्ली के कुछ इलाकों को कवर करते हुए बादलों पर सिल्वर आयोडाइड जैसे रसायनों का छिड़काव किया. इन रसायनों का काम बादलों में मौजूद नमी को भारी बूंदों में बदलना होता है, ताकि वे बारिश के रूप में ज़मीन पर गिर सकें.
सरकार के एक अधिकारी ने बताया, "पहली उड़ान सफल रही है. छिड़काव कर दिया गया है. अब हम बादलों की स्थिति पर नज़र रख रहे हैं. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो कुछ ही घंटों में बारिश की उम्मीद की जा सकती है."
यह प्रोजेक्ट IIT कानपुर की देखरेख में चल रहा है, जिसे क्लाउड सीडिंग में विशेषज्ञता हासिल है. अगर यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहता है, तो यह दिल्ली को हर साल होने वाले प्रदूषण के प्रकोप से बचाने में एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है. फिलहाल, दिल्लीवाले बेसब्री से आसमान की ओर देख रहे हैं और प्रदूषण को धो देने वाली बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं.




