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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश के अमरावती में महात्मा ज्योतिराव फुले और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम पर रोजगार केंद्र स्थापित करने के लिए 50 एकड़ ज़मीन के आवंटन की मांग जोर पकड़ रही है। यह मांग युवाओं, विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।

इस पहल के पीछे का विचार इन केंद्रों को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और नौकरी प्लेसमेंट के लिए वन-स्टॉप समाधान बनाना है। फुलेला-अंबेडकर रोजगार केंद्र का लक्ष्य युवाओं को आवश्यक कौशल से लैस करना है ताकि वे प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में सफल हो सकें।

इन केंद्रों में विभिन्न प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रम, व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी, जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा के अवसरों को हासिल करने में सहायता मिलेगी।

यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अगर यहाँ ये केंद्र स्थापित होते हैं, तो यह क्षेत्र के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होंगे और उन्हें बेहतर भविष्य बनाने में मदद मिलेगी।

इस मांग को उठाने वाले समूहों का मानना है कि यह पहल न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगी, बल्कि समाज के वंचित वर्गों को सशक्त भी करेगी, जो डॉ. अंबेडकर और ज्योतिराव फुले के समावेशी विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह देखना बाकी है कि सरकार इस महत्वपूर्ण मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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