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Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश की सड़क पर चल रहे, घरों में बैठे या किसी भी आपात हालात में फंसे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। राज्य में वर्षों से लोगों की सुरक्षा के लिए सक्रिय 'डायल-100' सेवा अब इतिहास बनने जा रही है। इसकी जगह एक ज्यादा आधुनिक और तेज़ पुलिस रिस्पॉन्स सेवा ‘डायल-112’ 15 अगस्त 2025 से पूरे राज्य में लागू की जाएगी।
आम जनता के लिए क्या बदलेगा
अब जब आप किसी इमरजेंसी में पुलिस की मदद चाहेंगे, तो ‘100’ नहीं, बल्कि ‘112’ डायल करना होगा। यह बदलाव केवल नंबर बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि तकनीक, सुविधा और प्रतिक्रिया समय में भी बड़ा अंतर लाएगा। नए सिस्टम में पुलिस की गाड़ियां अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगी, जिससे वे ज़रूरतमंद तक तेज़ी से पहुंच सकेंगी।
अब सेवा होगी और स्मार्ट
राज्य के डीजीपी कैलाश मकवाणा ने जानकारी दी कि 14 अगस्त तक पुराने डायल-100 वाहनों को सेवा से हटा दिया जाएगा। इसके बाद 15 अगस्त से एक नई शुरुआत होगी, जिसमें 1200 नए बोलेरो नियो वाहन ‘फर्स्ट रिस्पॉन्स यूनिट’ के तौर पर मैदान में उतरेंगे। जीपीएस, वायरलेस सिस्टम, डिजिटल मैपिंग और लाइव लोकेशन जैसे फीचर्स इन गाड़ियों को पहले से कहीं ज़्यादा असरदार बनाएंगे।
क्यों जरूरी था बदलाव
डायल-100 सेवा की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी, तब इसे पांच साल के लिए अस्थायी तौर पर शुरू किया गया था। लेकिन तकनीकी चुनौतियों, निविदाओं में देरी, कोविड जैसी आपात स्थितियों और प्रशासनिक उलझनों के कारण यह सेवा पूरे दस साल तक चलती रही। अब समय की मांग और आधुनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इसे पूरी तरह अपडेट किया गया है।
नई जिम्मेदारी, नया ऑपरेटर
जहां पहले इस सेवा का संचालन बीवीजी कंपनी कर रही थी, अब ‘डायल-112’ के संचालन की जिम्मेदारी जीवीके कंपनी को दी गई है। यह कंपनी देश के अन्य राज्यों में भी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेवा संभाल चुकी है, जिससे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में यह व्यवस्था और अधिक कुशल साबित होगी।
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