
Up Kiran, Digital Desk: भोलेनाथ के भक्तों का सबसे पावन महीना सावन (श्रावण) जल्द ही शुरू होने वाला है। भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित यह महीना बेहद शुभ माना जाता है, खासकर सावन सोमवार। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत में सावन सोमवार की तिथियां और पालन अलग-अलग होता है? आइए विस्तार से समझते हैं।
भारत में चंद्र पंचांग और सौर पंचांग के आधार पर तिथियों में भिन्नता आती है।
उत्तर भारत में सावन: उत्तर भारत में (जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़) पूर्णिमांत पंचांग का पालन किया जाता है। यहाँ सावन का महीना पूर्णिमा से शुरू होकर अगली पूर्णिमा तक चलता है। इसलिए, सावन सोमवार की तिथियां इस गणना के आधार पर होती हैं।
दक्षिण भारत में सावन: दक्षिण भारत में (जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में) अमांत पंचांग का पालन किया जाता है। यहाँ सावन का महीना अमावस्या से शुरू होकर अगली अमावस्या तक चलता है। इस कारण, सावन की शुरुआत और सावन सोमवार की तिथियां उत्तर भारत से भिन्न होती हैं।
2025 में सावन सोमवार की तिथियां
उत्तर भारत के लिए: July 14, 2025: First Shravan Somwar FastJuly 21, 2025: Second Shravan Somwar Fast
July 28, 2025: Third Shravan Somwar Fast August 4, 2025: Fourth and Last Shravan Somwar Fast
दक्षिण भारत में सावन July 28, 2025: First Shravan Somwar Fast
August 4, 2025: Second Shravan Somwar Fast
August 11, 2025: Third Shravan Somwar Fast
August 18, 2025: Fourth and Last Shravan Somwar Fast
सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। भक्त इस दिन शिव मंदिरों में जल अभिषेक, बेलपत्र, धतूरा और दूध चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते हैं। अविवाहित महिलाएं अच्छे पति के लिए व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। यह महीना प्रकृति की हरियाली और भगवान शिव के आशीर्वाद का प्रतीक है।
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