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UP News: योगी सरकार ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर बड़ा फैसला लागू किया है। अब पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर शेयरधारकों के बीच कोई विवाद नहीं होगा। सरकार ने उन लोगों को बड़ी राहत दी है जिनकी विरासत को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा है। ये विवाद सिर्फ 5 हजार रुपये में सुलझने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश में हर साल करीब 40 लाख रजिस्ट्री होती हैं। रजिस्ट्री और संपत्ति बंटवारे में हमेशा विवाद होते रहते हैं। इसके अलावा, पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे और रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति के हस्तांतरण पर 5,000 रुपये का स्टांप शुल्क तय किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये आदेश दिये हैं। इससे पहले सरकार ने सगे संबंधियों के नाम पर मौजूद संपत्तियों पर बड़ी राहत दी थी।

लोगों को कैसे होगा फायदा?

उदाहरण के तौर पर समझें, अगर संपत्ति 1 करोड़ रुपये की है तो उस पर 7 फीसदी स्टांप ड्यूटी देय होती थी यानी 7 लाख रुपये लेकिन पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर 30 फीसदी की छूट मिलती थी। यानी 1 करोड़ की प्रॉपर्टी पर 4 लाख 90 हजार स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ी। इस स्टांप शुल्क शुल्क के कारण पारिवारिक बंटवारे में कई विवाद होते थे। अब इस समस्या के समाधान के लिए संपत्ति के सभी हिस्सेदारों को मिलकर तहसीलदार कार्यालय में सहमति बनानी होगी। इसका लाभ तभी होगा जब बँटवारा पत्र लिखकर मात्र 5000 रुपये स्टाम्प शुल्क देना होगा।

बंटवारे में मौजूदा व्यवस्था क्या है?

राज्य में पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर तहसील में परिवार रजिस्टर बनाया जाता है। जिसमें संपत्ति के सभी शेयरधारकों के नाम शामिल हैं। उसके बाद सहमति पत्र तहसीलदार को दिया जाता है। इसमें लंबा समय लगता है। दूसरी प्रक्रिया में शेयरधारक अदालत जाते हैं। एक कोर्ट केस में कई साल बीत जाते हैं। तीसरी प्रक्रिया में पैतृक संपत्ति के सभी हिस्सेदार एक साथ आते हैं और सहमति पत्र देते हैं।

इस बीच योगी सरकार के इस फैसले से लाखों परिवारों को राहत मिली है। इसलिए उम्मीद है कि संपत्ति के बंटवारे में विवाद कम होंगे। इससे पहले सरकार की ओर से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत यूपी में कारोबारियों को सुविधा देने के लिए कई कदम उठाए गए थे। ईज ऑफ लिविंग के तहत राजस्व विभाग में स्टाम्प ड्यूटी पर रियायत देते हुए यह निर्णय लिया गया है।

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