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India China Relation: पिछले कई सालों से चला आ रहा भारत-चीन सीमा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में गश्त के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिस पर दोनों देशों ने मुहर लगा दी है। इस बीच पूर्व थल सेनाध्यक्ष और मौजूदा विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने इस पर अहम प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, 'भारत और चीन पिछले कई महीनों से कूटनीतिक और सैन्य वार्ता कर रहे हैं। पहले सैन्य स्तर पर कुछ मतभेद थे, मगर अब यह एक अच्छा कदम उठाया गया है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।'
मीडिया से बातचीत में जनरल वीके सिंह आगे कहते हैं, 'इस समझौते के बाद दोनों सेनाएं डेपसांग और डेमचोक पर चर्चा करेंगी और आगे की दिशा तय करेंगी। मगर मुझे लगता है कि यह भारत के लिए एक बड़ी सफलता है, मगर इसे स्थानीय स्तर पर लागू होने में कुछ समय लगेगा। हमें इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अचानक सब कुछ ठीक हो जाएगा। समझौते के बाद भविष्य कैसा होगा, यह कहना मुश्किल है। इसके कुछ नियम राजनयिक और सैन्य स्तर पर तय किए जाएंगे।'
क्या सीमा समझौते से तनाव कम होगा?
भारत और चीन के बीच रिश्ते काफी समय से तनावपूर्ण हैं, मगर अब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर कुछ समझौते हुए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के मुताबिक सोमवार को भारत और चीन के बीच गश्ती समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इससे भारतीय सेना यहां फिर से गश्त कर सकेगी। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक मुठभेड़ के बाद तनाव बढ़ गया। मगर, अब इस डील से सबकुछ ठीक होने की संभावना है।