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Up Kiran Digital Desk: भारत समेत पूरी दुनिया में लिवर कैंसर को एक ‘साइलेंट किलर’ के रूप में जाना जाता है — एक ऐसी बीमारी जो शरीर को भीतर ही भीतर खोखला कर देती है और जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। मगर क्या इसे समय रहते पहचाना और रोका जा सकता है? चिकित्सक मानते हैं — हां, अगर हम इसके शुरुआती संकेतों को समझें और लापरवाही न बरतें।
शरीर के संकेतों को पहचानिए — समय पर इलाज पाइए
1. पेट में सूजन और भारीपन
अगर लगातार पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन, भारीपन या हल्का दर्द महसूस हो रहा है खासकर भोजन के बाद तो यह सामान्य गैस नहीं भी हो सकती। लिवर में बन रहा कोई ट्यूमर आंतरिक दबाव पैदा कर सकता है, जो सूजन का कारण बनता है।
2. कंधे और पीठ में रहस्यमयी दर्द
आपके कंधे या पीठ के निचले हिस्से में दर्द, जो फिजियोथेरेपी या आराम से ठीक नहीं हो रहा, वह लिवर कैंसर का अप्रत्यक्ष संकेत हो सकता है। यह referred pain हो सकता है — यानी लिवर की परेशानी का दर्द शरीर के किसी और हिस्से में महसूस होना।
बिना प्रयास के घटता वज़न
वज़न घटना सुनने में भले अच्छा लगे, मगर जब ये बिना डाइटिंग या एक्सरसाइज के हो रहा हो, तो यह चिंता का विषय है। लिवर की खराब कार्यक्षमता शरीर के पोषण अवशोषण को प्रभावित करती है।
त्वचा और आंखों में पीलापन (जॉन्डिस)
जॉन्डिस अक्सर लिवर की गड़बड़ी का सीधा संकेत होता है। जब रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ता है, तो आंखें और त्वचा पीली हो जाती हैं। यह लिवर कैंसर या हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों की ओर संकेत करता है।
भूख न लगना और जी मिचलाना
अगर आपको अक्सर भूख नहीं लगती, बिना वजह जी मिचलाता है, या पेट भारी लगता है, तो इसे हल्के में न लें। यह लिवर कैंसर की शुरुआत में देखा जाने वाला एक सामान्य लक्षण है।
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