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Up Kiran Digital Desk: कंबोडिया में पाँच ऐसी चीज़ें हैं जो दुनिया के किसी और देश में नहीं मिलतीं। ये पाँच चीज़ें कंबोडिया के लिए सांस्कृतिक धरोहर की तरह हैं, जो इस देश को दूसरे देशों से अलग बनाती हैं।

अंगकोर वाट मंदिर: कंबोडिया का ज़िक्र आते ही सबसे पहले अंगकोर वाट मंदिर का नाम ज़ेहन में आता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक परिसर है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है। 162 हेक्टेयर में फैले अंगकोर वाट मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला खमेर संस्कृति की पहचान दर्शाती है। ऐसा मंदिर कहीं और नहीं है।

इस मंदिर की दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं का ज़िक्र है। समुद्र मंथन की अद्भुत नक्काशी है। इसके अलावा, रामायण और महाभारत की कहानियाँ भी देखी जा सकती हैं। ऐसा कहा जाता है कि 12वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने इस मंदिर को भगवान विष्णु को समर्पित किया था। बाद में यह एक बौद्ध मंदिर बन गया और आज यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए विभिन्न देशों से लोग आते हैं।

टोनले: टोनले साप झील कंबोडिया की विशेषताओं में से एक है। इसकी दो विशेषताएँ हैं। पहली, यह दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। दूसरी, इसका प्रवाह वर्ष में दो बार अपनी दिशा बदलता है। वर्षा ऋतु में झील का आकार छह गुना बढ़ जाता है। दुनिया में कोई और झील नहीं है जो इस तरह अपना मौसम बदलती हो।

खमेर लिपि: कंबोडिया की वर्णमाला दुनिया में सबसे अनोखी है। यह दुनिया की सबसे लंबी वर्णमाला है। इसकी लिपि में 33 व्यंजन, 23 स्वर और 12 पृथक स्वर हैं। इसे खमेर लिपि के नाम से भी जाना जाता है। पूरी वर्णमाला में 70 से ज़्यादा अक्षर हैं, जो इसे दुनिया की सबसे लंबी वर्णमाला बनाते हैं। यही कारण है कि यह दुनिया की सबसे विशिष्ट लिपियों में से एक है। इस लिपि पर संस्कृति और पाली भाषा का प्रभाव दिखाई देता है।

कंबोडिया का झंडा: कंबोडिया का झंडा दुनिया का एकमात्र ऐसा झंडा है जिस पर एक मंदिर अंकित है। इस झंडे पर कंबोडिया का अंगकोर वाट मंदिर अंकित है। इस झंडे में तीन रंग हैं। नीला, लाल और सफेद। नीला रंग स्वतंत्रता और शांति का प्रतीक है। लाल रंग राष्ट्र और साहस का प्रतीक है। झंडे पर सफेद रंग से बना अंगकोर वाट मंदिर धर्म और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। कंबोडिया के इतिहास में झंडा दो बार बदला गया है, लेकिन मंदिर उसमें बना रहा, जो यहाँ के झंडे को खास बनाता है।

अप्सरा नृत्य: अप्सरा नृत्य कंबोडिया की विशेषताओं में से एक है। यह एक पारंपरिक खमेर शास्त्रीय नृत्य है, जो बौद्ध और हिंदू कथाओं को प्रस्तुत करता है। विशेष हाव-भाव, मुद्राएँ और वेशभूषा इस नृत्य की विशेषता हैं। यह कंबोडिया की सांस्कृतिक पहचान है। इसीलिए इसे यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया गया है। यह कंबोडिया के शाही बैले का हिस्सा है। यह आमतौर पर विशेष अवसरों या समारोहों के दौरान आयोजित किया जाता है।

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