Up Kiran, Digital Desk: दिसंबर का महीना ज्योतिष और खगोल शास्त्र के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। ग्रहों के राजाओं में शुमार और सुख-समृद्धि के प्रतीक ग्रह शुक्र 11 दिसंबर से अपनी चमक खोने जा रहे हैं। ज्योतिष की भाषा में इसे 'शुक्र का अस्त होना' कहा जाता है। इसका सीधा मतलब है कि प्रेम धन और सौंदर्य के इस ग्रह की ऊर्जा कुछ समय के लिए धीमी पड़ जाएगी। यह बड़ा बदलाव हर राशि के जातकों के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे धन करियर प्रेम और वैवाहिक जीवन पर अपना गहरा असर दिखाएगा।
शुक्र अस्त होने का अर्थ और प्रभाव
हिंदू ज्योतिष में शुक्र ग्रह को वैभव सुख आकर्षण विवाह और आर्थिक संपन्नता का स्वामी माना गया है। जब कोई ग्रह अस्त होता है तो वह सूर्य के अत्यंत करीब आ जाता है जिससे उसकी प्राकृतिक शक्ति कम हो जाती है। शुक्र के अस्त होने पर जीवन के उन क्षेत्रों में कुछ धीमापन या उलझनें बढ़ सकती हैं जिन पर शुक्र का सीधा नियंत्रण होता है। हालाँकि यह अवधि केवल नकारात्मक ही नहीं होगी। कई जातकों के लिए यह समय अप्रत्याशित लाभ नई शुरुआत और अच्छे अवसर भी लेकर आ सकता है। यह फेरबदल करीब दो सप्ताह तक रहेगा।
किन राशियों को मिलेगा बम्पर लाभ?
शुक्र अस्त की इस अवधि में चार राशियाँ विशेष रूप से भाग्यशाली रहने वाली हैं। वृषभ तुला मकर और मीन राशि के जातकों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभप्रद सिद्ध होगा।
रुके काम बनेंगे: लंबे समय से अटके पड़े काम अब गति पकड़ेंगे।
आर्थिक मजबूती: आय के नए स्रोत बनेंगे और आर्थिक लाभ के मार्ग खुलेंगे।
करियर में उछाल: जो लोग नौकरी बदलने या पदोन्नति की उम्मीद कर रहे हैं उनके लिए मजबूत संकेत दिख रहे हैं।
संबंधों में मिठास: प्रेम संबंध मजबूत होंगे और पुराने गिले-शिकवे खत्म होने के योग बन रहे हैं।
गौरतलब है कि वृषभ और तुला राशि के स्वामी स्वयं शुक्र हैं इसलिए अस्त होने पर भी ये राशियाँ नई जिम्मेदारियों और बेहतरीन आर्थिक अवसरों को प्राप्त कर सकती हैं।
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