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Up Kiran, Digital Desk: आजकल तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में छुट्टियां, परीक्षा या किसी खास मौके के लिए कई लड़कियां मासिक धर्म (पीरियड्स) टालने हेतु हार्मोनल दवाइयों का सहारा लेती हैं। लेकिन ये गोलियां कितनी खतरनाक साबित हो सकती हैं, इसका ताजा उदाहरण हाल ही में सामने आया, जब 18 वर्षीय युवती की मौत हार्मोनल दवा लेने के बाद हो गई।
कैसे बिगड़े हालात?
जानकारी के मुताबिक पीरियड्स रोकने के लिए युवती ने दवा का सेवन किया और इसके कुछ समय बाद ही वह डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) से प्रभावित हो गई। इस बीमारी में नसों में खून का थक्का जम जाता है। जांच में पाया गया कि थक्का पेट तक पहुंच चुका है। डॉक्टरों ने तत्काल भर्ती की सलाह दी, लेकिन परिजनों ने इसे हल्के में लिया। रात में अचानक तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया, मगर रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
विशेषज्ञों की चेतावनी
सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर प्रमोद कुमार का कहना है कि लड़कियां अक्सर हार्मोनल गोलियों को मामूली समझ लेती हैं, लेकिन यह हार्मोनल संतुलन बिगाड़ने के साथ खून को गाढ़ा करती हैं। ऐसे में नसों में थक्का जम सकता है, जो लिवर, हार्ट या फेफड़ों तक पहुंचने पर मिनटों में जान ले सकता है।
संकेत और खतरे
डॉक्टरों के मुताबिक डीवीटी कई बार बिना लक्षण प्रकट हुए भी शरीर में बढ़ सकता है। कुछ मरीजों में पैरों में सूजन, दर्द या भारीपन महसूस होता है, लेकिन थक्का जैसे ही अहम अंगों तक पहुंचता है, गंभीर स्थिति बन जाती है।
क्यों ज़रूरी है डॉक्टर की सलाह?
स्त्री रोग विशेषज्ञों ने महिलाओं को आगाह किया है कि हर शरीर की प्रकृति अलग होती है, ऐसे में बिना परामर्श के दवा लेना बड़ा खतरा है। जरूरी होने पर ही, वह भी विशेषज्ञ की देखरेख में, ऐसी दवाओं का सेवन करना चाहिए।