
Up Kiran, Digital Desk: अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपका पीएफ (प्रोविडेंट फंड) अकाउंट ज़रूर होगा। हर महीने आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा और उतना ही आपकी कंपनी (नियोक्ता) की तरफ से इस खाते में जमा होता है। ये पैसा वैसे तो रिटायरमेंट के लिए होता है, लेकिन कई बार नौकरी के दौरान ही पैसों की ज़रूरत पड़ जाती है।
अच्छी बात ये है कि कुछ खास परिस्थितियों में आप अपने पीएफ खाते से ज़रूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकते हैं (इसे पीएफ एडवांस या आंशिक निकासी कहते हैं)। लेकिन इसके लिए EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने कुछ नियम और शर्तें बनाई हैं। इन्हें जानना ज़रूरी है ताकि आपको बाद में कोई परेशानी न हो।
आइए, जानते हैं कि आप कब और कितना पैसा निकाल सकते हैं:
1. शादी के लिए (नियम 68K): कब निकाल सकते हैं: आप अपनी, अपने भाई-बहन या बच्चों की शादी के लिए पीएफ से पैसा निकाल सकते हैं।
शर्त: इसके लिए आपको कम से कम 7 साल से पीएफ सदस्य होना ज़रूरी है।
कितना निकाल सकते हैं: आप अपने हिस्से के जमा पैसे (ब्याज के साथ) का 50% तक निकाल सकते हैं।
2. बच्चों की पढ़ाई के लिए (नियम 68K):
कब निकाल सकते हैं: बच्चों की 10वीं के बाद की पढ़ाई (स्कूल या कॉलेज) के लिए पैसा निकाल सकते हैं।
शर्त: नियम शादी वाले ही हैं (कम से कम 7 साल की सदस्यता)।
कितना निकाल सकते हैं: अपने हिस्से के जमा पैसे (ब्याज के साथ) का 50% तक।
कितनी बार: यह पैसा आप अपने पूरे सेवाकाल में सिर्फ 3 बार ही निकाल सकते हैं।
3. घर खरीदने, बनाने या मरम्मत के लिए (नियम 68B):
घर खरीदने/बनाने के लिए:
शर्त: कम से कम 5 साल की पीएफ सदस्यता ज़रूरी है।
घर की मरम्मत/सुधार के लिए:
शर्त: घर बनने के कम से कम 5 साल बाद निकाल सकते हैं। अगर दोबारा मरम्मत करानी है, तो पहली निकासी के 10 साल बाद निकाल सकते हैं।
कितनी बार: घर खरीदने/बनाने के उद्देश्य से सिर्फ एक बार पैसा निकाल सकते हैं।
कितना निकाल सकते हैं: नियम थोड़े जटिल हैं, जो आपकी सैलरी और लागत पर निर्भर करते हैं (वेबसाइट पर चेक करें)।
4. मेडिकल इमरजेंसी/इलाज के लिए (नियम 68J):
कब निकाल सकते हैं: यह सबसे ज़रूरी वजहों में से है, और इसके नियम थोड़े आसान हैं। आप अपने या परिवार (पत्नी/पति, बच्चे, माता-पिता) के गंभीर इलाज के लिए कभी भी (नौकरी लगते ही) और ज़रूरत पड़ने पर कितनी भी बार पैसा निकाल सकते हैं।
कितना निकाल सकते हैं: 6 महीने की बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (DA) या कर्मचारी का कुल हिस्सा (ब्याज सहित), जो भी कम हो।
5. रिटायरमेंट से ठीक पहले (नियम 68NN):
कब निकाल सकते हैं: अगर आपकी रिटायरमेंट में एक साल से कम समय बचा है (उम्र 54 साल के बाद)।
कितना निकाल सकते हैं: आप अपने पीएफ खाते में जमा कुल रकम (आपके और कंपनी दोनों के हिस्से + ब्याज) का 90% तक निकाल सकते हैं।
कितनी बार: यह सुविधा सिर्फ एक बार मिलती है।
6. दिव्यांगता की स्थिति में उपकरण खरीदने के लिए (नियम 68N):
कब निकाल सकते हैं: अगर कोई पीएफ सदस्य दिव्यांग है, तो ज़रूरी उपकरण खरीदने के लिए पैसा निकाल सकता है।
कितना निकाल सकते हैं: 6 महीने की बेसिक सैलरी + DA, या कर्मचारी का हिस्सा (ब्याज सहित), या उपकरण की कीमत - इनमें से जो भी कम हो।
कितनी बार: हर तीन साल में यह सुविधा ली जा सकती है।
7. नौकरी छूटने या सैलरी न मिलने पर (नियम 68H): कब निकाल सकते हैं: अगर आपकी कंपनी 15 दिन से ज़्यादा बंद हो गई है और आप बिना मुआवजे के बेरोजगार हो गए हैं, या अगर आपको लगातार 2 महीने से अधिक समय तक वेतन नहीं मिला है।
कितना निकाल सकते हैं: आप अपने हिस्से का पैसा (ब्याज सहित) निकाल सकते हैं।
8. होम लोन चुकाने के लिए (नियम 68BB):
कब निकाल सकते हैं: अगर आपने घर खरीदने/बनाने या मरम्मत के लिए लोन लिया है, तो उसे चुकाने के लिए पीएफ से पैसा निकाल सकते हैं।
शर्त: कम से कम 10 साल की पीएफ सदस्यता ज़रूरी है।
कितना निकाल सकते हैं: 36 महीने की बेसिक सैलरी + DA, या पीएफ में जमा कुल रकम (आपके और कंपनी दोनों का हिस्सा + ब्याज), या लोन का बकाया मूलधन + ब्याज - इनमें से जो भी कम हो।
जरूरी बात: ये कुछ मुख्य स्थितियां हैं। हर स्थिति के लिए नियम और शर्तें थोड़ी अलग हो सकती हैं और समय-समय पर बदल भी सकती हैं। पैसा निकालने से पहले हमेशा EPFO की आधिकारिक वेबसाइट (epfindia.gov.in) पर नवीनतम नियम ज़रूर जांच लें या अपने एचआर विभाग से संपर्क करें।
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