Up Kiran, Digital Desk: सोशल मीडिया पर हर दूसरा बंदा यही पूछता रहता है कि भाई सऊदी अरब की किसी लड़की से शादी कर लो तो क्या सीधे सऊदी पासपोर्ट मिल जाएगा? इंस्टाग्राम रील्स से लेकर टिकटॉक तक ये बात बड़ी तेजी से फैल रही है। लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है। आज हम बिना कुछ छुपाए साफ-साफ बताने जा रहे हैं कि सऊदी अरब में शादी के बाद नागरिकता मिलने का असली नियम क्या है।
सबसे पहले तो ये समझ लीजिए कि सऊदी अरब का पूरा कानून शरिया पर चलता है। यहां शादी कोई फिल्मी सीन नहीं है। विदेशी लड़के के लिए सऊदी लड़की से निकाह करना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है। सरकार गैर-मुस्लिमों से शादी पर सख्त पाबंदी लगाती है। अगर किसी तरह निकाह हो भी जाए तो विदेशी पति को रेजिडेंस परमिट लेना भी पहाड़ तोड़ने जैसा हो जाता है।
अब आते हैं सबसे बड़े सवाल पर – शादी के बाद नागरिकता?
भाई लोग सपने देखना बंद कर दो। सिर्फ निकाह करने से कुछ नहीं होता। विदेशी पति को कम से कम पांच साल सऊदी अरब में लगातार रहना पड़ता है। सिर्फ रहना ही नहीं, अच्छी अरबी बोलनी आनी चाहिए और सऊदी कल्चर में पूरी तरह घुलना-मिलना पड़ेगा। ये सब होने के बाद भी गारंटी नहीं है कि नागरिकता मिल जाएगी। फैसला सरकार के हाथ में रहता है।
सबसे दुखद बात ये है कि अगर सऊदी बीवी ने तलाक दे दिया या उसकी मौत हो गई तो विदेशी पति का रेजिडेंसी परमिट तुरंत रद्द। बस बच्चे हों तब कुछ राहत मिल सकती है। नहीं तो वापस अपने देश पैकिंग करके चलो।
नौकरी की बात करें तो सरकारी जॉब और आर्मी की पोस्ट तो सपने में भी नहीं मिलेगी। प्राइवेट सेक्टर में काम करो और शुक्र मनाओ।
अगर कोई सोच रहा है कि चलो निकाह कर लेते हैं तो पहले ये कागजात तैयार रखो:
- दोनों का वैलिड पासपोर्ट
- अपने देश से सिंगल स्टेटस सर्टिफिकेट
- मेडिकल रिपोर्ट (कोई संक्रामक बीमारी नहीं होनी चाहिए)
- अगर पहले शादी की थी तो तलाक या मौत का सर्टिफिकेट
- सारे कागजात अरबी में ट्रांसलेट और लीगलाइज करवाने पड़ेंगे
मतलब कुल मिलाकर बात ये है कि सऊदी अरब में शादी के जरिए नागरिकता पाना लगभग नामुमकिन साबित होता है। जो लोग रील्स बनाकर कहते हैं कि “बस निकाह कर लो पासपोर्ट मिल जाएगा” वो या तो खुद नहीं जानते या जानबूझकर गुमराह कर रहे हैं।
_70414170_100x75.jpg)
_1579620561_100x75.png)
_325952495_100x75.jpg)

_1287217595_100x75.png)