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कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) ने 2020 में महामारी के रूप में दुनिया भर में दस्तक दी थी, लेकिन अब यह सामान्य मौसमी बीमारी की तरह हमारे बीच मौजूद है। इसका मतलब यह नहीं कि वायरस खत्म हो गया है। आइए जानते हैं कि वायरस कभी मरते नहीं और कोरोना की दो साल बाद वापसी के वैज्ञानिक कारण क्या हैं।

वायरस कभी मरते नहीं

वायरस जीवित कोशिकाओं के बिना जीवित नहीं रह सकते, लेकिन वे कभी पूरी तरह से खत्म नहीं होते। जब तक किसी जीवित कोशिका में वायरस का अस्तित्व होता है, वह पुनः सक्रिय हो सकता है। यही कारण है कि कोरोना वायरस भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।

कोरोना की वापसी के कारण

1. म्यूटेशन और नए वैरिएंट्स: कोरोना वायरस समय-समय पर म्यूटेट (बदलाव) करता रहता है। नए वैरिएंट्स जैसे Omicron और JN.1 ने वायरस की संक्रामकता बढ़ाई है, जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं ।


2. प्रतिरक्षा में कमी: समय के साथ शरीर की प्राकृतिक या वैक्सीनेशन से प्राप्त प्रतिरक्षा कमजोर हो सकती है। इसके कारण लोग फिर से संक्रमित हो सकते हैं ।


3. लंबे समय तक संक्रमण (Long COVID): कुछ लोग महीनों तक वायरस से संक्रमित रहते हैं, जिससे वायरस के नए रूप उत्पन्न हो सकते हैं ।


4. सामाजिक व्यवहार में बदलाव: लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के बाद, जैसे-जैसे लोग सामान्य जीवन में लौटे हैं, वायरस के फैलने की संभावना बढ़ी है ।

 

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