
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स (BRICS) देशों, यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बढ़ते प्रभाव और उनके द्वारा अमेरिकी डॉलर की वैश्विक प्रमुखता को चुनौती देने के प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई है।
उन्होंने ब्रिक्स को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए कहा है कि वह डिजिटल वित्त के युग में अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए एक 'जीनियस एक्ट' पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने और स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं। कई विशेषज्ञ इसे वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में एक बड़े बदलाव के रूप में देख रहे हैं।
ट्रम्प ने अपने बयान में जोर दिया कि अमेरिकी डॉलर का वैश्विक मुद्रा के रूप में दबदबा अमेरिका की आर्थिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव का एक महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने इसे बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाने का संकेत दिया।
उनके 'जीनियस एक्ट' का विवरण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह समझा जा रहा है कि इसका उद्देश्य डिजिटल वित्त और क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते चलन के बीच डॉलर की स्थिरता और प्रासंगिकता को सुनिश्चित करना है।
यह कदम वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य में डॉलर के भविष्य और ब्रिक्स देशों की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के बीच एक नए टकराव का संकेत देता है। ट्रम्प का यह बयान बताता है कि अमेरिकी नेतृत्व अपनी मुद्रा की वैश्विक स्थिति को लेकर कितना गंभीर है और उसे बनाए रखने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ेगा।
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