Up Kiran, Digital Desk: भारत सरकार ने देश के निर्यातकों (एक्सपोर्टर्स) के लिए एक बहुत बड़ी राहत भरी घोषणा की है, जिससे विदेशों में अपना सामान भेजना अब और आसान हो जाएगा! सरकार ने 'क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एक्सपोर्टर्स' (Credit Guarantee Scheme for Exporters) के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करने का फैसला किया है। यह कदम खासकर उन छोटे और मध्यम निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है, जिन्हें अक्सर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पैसों की दिक्कत आती है।
आखिर क्या है यह 'क्रेडिट गारंटी स्कीम' और इससे किसको फायदा मिलेगा?
बहुत सरल भाषा में समझें तो, जब एक एक्सपोर्टर (निर्यात करने वाला) किसी बैंक से लोन लेने जाता है, तो बैंक को यह चिंता रहती है कि अगर एक्सपोर्टर पैसे वापस नहीं कर पाया तो उनका क्या होगा। 'क्रेडिट गारंटी स्कीम' में सरकार कहती है कि, "चिंता मत करो! अगर एक्सपोर्टर पैसे वापस नहीं कर पाया, तो उसकी एक निश्चित सीमा तक की भरपाई सरकार करेगी।" इससे बैंक अब छोटे एक्सपोर्टर को भी आसानी से लोन दे पाएंगे, क्योंकि उनका जोखिम (रिस्क) कम हो जाता है।
यह 2000 करोड़ रुपये का बजट बताता है कि सरकार हमारे निर्यातकों को कितनी गंभीरता से ले रही है। इसका सीधा फायदा खास कर 'सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम' (MSMEs) श्रेणी के एक्सपोर्टर्स को मिलेगा। ये वो छोटे व्यापार हैं, जिनके पास शायद बैंक को देने के लिए बड़ी सिक्योरिटी (गिरवी रखने के लिए चीज़ें) नहीं होती, लेकिन उनके उत्पादों में विदेशों में धूम मचाने का दम होता है।
इस स्कीम से देश में निर्यात बढ़ेगा, जो कि हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छी बात है। जब एक्सपोर्ट बढ़ता है, तो ज़्यादा उत्पादन होता है, फैक्ट्रियों में नए रोज़गार पैदा होते हैं और देश के खज़ाने में विदेशी मुद्रा (फॉरेन करेंसी) आती है। यह प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे विजन को भी मजबूती देगा। यह सिर्फ पैसों की बात नहीं है, यह विश्वास की बात है – कि सरकार आपके पीछे खड़ी है और आप निश्चिंत होकर वैश्विक बाज़ार में अपने उत्पादों का जलवा बिखेर सकते हैं!

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