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Up Kiran, Digital Desk: दीपावली से एक दिन पहले आने वाली नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है, इस बार 19 अक्टूबर रविवार को मनाई जाएगी। इस मौके पर देशभर में लोग अपने घरों और आस-पास की सफाई में जुट जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस परंपरा के पीछे क्या वजह है?
नरक चतुर्दशी सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और आर्थिक स्थिति से जुड़ा हुआ है। पंडित अमनमणि बताते हैं कि यह दिन नकारात्मकता को पीछे छोड़कर नई ऊर्जा और सकारात्मकता अपनाने का है।
नाली के पास दीपक जलाना क्यों है शुभ? जानिए वैज्ञानिक वजह
अक्सर हम अपने घर या गली में गंदगी देखकर कहते हैं, "यहां तो नरक बना हुआ है।" असल में नरक का मतलब ही है गंदगी और मलिनता। नरक चतुर्दशी पर गंदगी हटाकर दीपक जलाने की परंपरा केवल धार्मिक विश्वास नहीं, बल्कि एक स्वच्छता अभियान की तरह है।
विशेष रूप से, घर की नाली या गंदे स्थानों के पास दीपक जलाना, बुराई और अशुद्धता को दूर करने का प्रतीक माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सुख-शांति आती है।
सिर्फ पूजा नहीं, शरीर पर तेल लगाने से भी आता है धन! जानिए कैसे
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस दिन तेल की मालिश को भी बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी इस दिन तेल में वास करती हैं, और यदि आप सुबह जल्दी उठकर शरीर पर तेल लगाते हैं, तो यह धन-संपत्ति बढ़ाने में मददगार होता है।
जिन परिवारों में आर्थिक परेशानियां चल रही हैं, उनके लिए यह परंपरा बेहद लाभकारी मानी जाती है। यह न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है क्योंकि इससे रक्त संचार सुधरता है और थकान कम होती है।
पहले से करें तैयारी, तभी मिलेगी पूरी शुभता
त्योहार की तैयारी आखिरी समय पर करने से शुभ प्रभाव में कमी आ सकती है। इसलिए अभी से घर की सफाई, दीपक और तेल की व्यवस्था कर लेना समझदारी है। यह दिन पूरे परिवार के लिए नई शुरुआत का मौका होता है।
नरक चतुर्दशी सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा दिन है जो मन, तन और धन तीनों को शुद्ध और समृद्ध करने की प्रेरणा देता है। इस बार इस पर्व को सिर्फ पूजा तक सीमित न रखें, बल्कि इसकी गहराई को समझें और अपनाएं।