
Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट प्रेमियों, पांच मैचों की टेस्ट सीरीज अब अपने निर्णायक मोड़ पर है! 2-1 से आगे चल रही भारतीय टीम के लिए चौथा टेस्ट मैच सीरीज पर कब्जा करने का सुनहरा मौका है। 7 सितंबर से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में शुरू हो रहा यह मुकाबला न सिर्फ भारतीय टीम की काबिलियत की परीक्षा लेगा, बल्कि यहां की पिच और मैनचेस्टर का अप्रत्याशित मौसम भी टीम इंडिया की राह में बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हो सकता है।
ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच का मिजाज: ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच पारंपरिक रूप से पहले दो दिनों में बल्लेबाजों के लिए अच्छी मानी जाती है, जहां गेंद बल्ले पर आसानी से आती है। यहां अक्सर एक समान पेस और बाउंस देखने को मिलता है। हालांकि, जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, पिच टूटती है और चौथे व पांचवें दिन स्पिन गेंदबाजों को अच्छी मदद मिलने लगती है। 2014 में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए पिछले टेस्ट में, जेम्स एंडरसन ने 5 विकेट लिए थे और मोईन अली ने दूसरी पारी में 4 विकेट चटकाए थे। यह दर्शाता है कि यहां तेज और स्पिन दोनों गेंदबाजों को परिस्थितियां मिलने पर मदद मिल सकती है। ऐसे में, टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद कर सकती है ताकि बाद में स्पिनरों को मदद मिलने पर चौथी पारी में बल्लेबाजी का दबाव कम हो।
मैनचेस्टर का बेईमान मौसम: मौसम इस मैच में एक अहम भूमिका निभा सकता है। चौथे टेस्ट के पहले दिन यानी 7 सितंबर को बारिश की संभावना है, जिससे खेल में बाधा आ सकती है। इसके बाद के दिनों में भी मैनचेस्टर में पूरे मैच के दौरान बादल छाए रहने की उम्मीद है। यह स्थिति तेज गेंदबाजों के लिए वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि बादल छाए रहने से हवा में नमी बनी रहती है और गेंद को स्विंग मिलने में मदद मिलती है। तापमान 17 से 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा, जो खिलाड़ियों के लिए आरामदायक होगा, लेकिन बादल और बारिश का खतरा लगातार बना रहेगा।
भारत पर प्रभाव: बारिश और बादल छाए रहने की स्थिति में, भारतीय टीम को अपनी प्लेइंग इलेवन पर गंभीरता से विचार करना होगा। अगर शुरुआती दिनों में तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिलती है, तो शार्दुल ठाकुर या मोहम्मद सिराज जैसे अतिरिक्त तेज गेंदबाज को मौका मिल सकता है। हालांकि, अगर पिच बाद में स्पिनरों के लिए मददगार होती है, तो रविचंद्रन अश्विन को खिलाना एक गेम-चेंजिंग फैसला हो सकता है। भारतीय बल्लेबाजों को नई गेंद से इंग्लैंड के स्विंग गेंदबाजों का सामना करना होगा और शुरुआती झटकों से बचना होगा।
इंग्लैंड पर प्रभाव: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जैसे जेम्स एंडरसन, ओली रॉबिन्सन और मार्क वुड इन परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाना चाहेंगे। उन्हें पता है कि घरेलू परिस्थितियों में स्विंग गेंदबाजी भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है। मोईन अली भी अपनी स्पिन और बल्लेबाजी से अहम भूमिका निभाएंगे, खासकर अगर पिच बाद में टर्न होती है।
--Advertisement--