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Up Kiran, Digital Desk: भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा, जिसे 'ई-रुपया' (Digital Rupee) के नाम से जाना जाता है, ने सर्कुलेशन के मामले में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का कुल सर्कुलेशन मार्च के अंत तक ₹1,000 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। यह आंकड़ा RBI की डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए एक उत्साहजनक संकेत है।

ई-रुपये को RBI ने पारंपरिक नकदी का एक डिजिटल विकल्प प्रदान करने और भुगतान प्रणालियों में दक्षता लाने के उद्देश्य से लॉन्च किया था। इसे शुरुआत में होलसेल और रिटेल दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पेश किया गया था। ₹1,000 करोड़ के सर्कुलेशन तक पहुंचना दर्शाता है कि व्यापार और व्यक्तियों दोनों के बीच ई-रुपये को धीरे-धीरे अपनाया जा रहा है।

हालांकि यह आंकड़ा अभी भी देश में मौजूद भौतिक नकदी (physical cash) के सर्कुलेशन की तुलना में बहुत छोटा है, जो कई लाख करोड़ रुपये में है, लेकिन एक नई डिजिटल करेंसी के लिए यह वृद्धि महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि लोगों और व्यवसायों में डिजिटल लेनदेन के इस नए स्वरूप को लेकर रुचि बढ़ रही है।

RBI लगातार ई-रुपये के उपयोग और स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। इसमें बैंकों के माध्यम से इसके वितरण का विस्तार करना और इसके लिए नए उपयोग के मामले (use cases) तलाशना शामिल है। मार्च के अंत तक ₹1,000 करोड़ का आंकड़ा पार करना इस पहल की प्रगति को उजागर करता है और भविष्य में ई-रुपये के और अधि

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