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Up Kiran, Digital Desk: ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में भारत को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) और आदित्य बिड़ला मैनेजमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (ABMCPL), जो आदित्य बिड़ला ग्रुप की शीर्ष प्रबंधन कंपनी है, के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) हुआ है। यह साझेदारी आदित्य बिड़ला ग्रुप के विशाल विनिर्माण कार्यों में ऊर्जा दक्षता (energy efficiency) को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। आदित्य बिड़ला ग्रुप, जिसके पास 130 से अधिक विनिर्माण सुविधाएं और 17.9 मिलियन TOE (टन तेल समतुल्य) की कुल ऊर्जा खपत है, 2050 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

साझेदारी का उद्देश्य: हरित भविष्य के लिए नवाचार और कार्यान्वयन

यह MoU, EESL के सीईओ श्री अखिलेश कुमार दीक्षित और ABMCPL की मुख्य स्थिरता अधिकारी (Chief Sustainability Officer) सुश्री दीक्षा वत्स की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया गया। इस सहयोग के तहत, EESL अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण संस्थान (IIEC) की सहायता से GEF-6 परियोजना के तहत UNEP तकनीकी सहायता से चयनित प्लांट्स में मूल्यांकन और डायग्नोस्टिक अध्ययन के माध्यम से ऊर्जा बचत योजनाएं डिजाइन करने में ABMCPL की मदद करेगा।

इस साझेदारी का मुख्य लक्ष्य औद्योगिक ऊर्जा दक्षता और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को अपनाना तेज करना है। यह तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन, पायलट प्रोजेक्ट्स, और क्षमता-निर्माण पहलों के माध्यम से किया जाएगा। EESL, औद्योगिक यूटिलिटीज, अपशिष्ट ताप रिकवरी प्रणालियों (waste heat recovery systems), और औद्योगिक स्वचालन समाधानों (industrial automation solutions) में ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के कार्यान्वयन की सुविधा भी व्यावसायिक आधार पर प्रदान करेगा। यह सहयोग ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और भारत में टिकाऊ औद्योगिक प्रथाओं (sustainable industrial practices) को आगे बढ़ाने के लिए EESL और ABMCPL की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत के 'ग्रीन ट्रांज़िशन' में मील का पत्थर

EESL और आदित्य बिड़ला ग्रुप के बीच यह रणनीतिक साझेदारी, भारत के हरित अर्थव्यवस्था (greener economy) की ओर परिवर्तन को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग न केवल ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ प्रथाओं में नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि देश भर के बड़े समूहों के लिए स्केलेबल, प्रभावशाली समाधान अपनाने के नए रास्ते भी खोलेगा। औद्योगिक विकास को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ संरेखित करके, यह MoU एक मापदंड (benchmark) स्थापित करता है कि कैसे भारत के प्रमुख कॉर्पोरेट समूह कम-कार्बन भविष्य (low-carbon future) की ओर नेतृत्व कर सकते हैं।

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