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धरती से जुड़े कई ऐसे सिक्रेट्स और कई सवाल हैं, जिनके पता साइंटिस्ट आज भी लगा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन का भीतरी भाग गर्म और ठोस लोहे से बना है। इससे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और गुरुत्वाकर्षण बल बनता है। ऐसा धरती के केंद्र में एक ही दिशा में घूमने के कारण होता है। 

अब क्या होगा यदि जमीन का घूमना कुछ वक्त के लिए रुक जाए या वह विपरीत दिशा में घूमने लगे। क्या धरती पर खतरनाक भूकंप आएगा? क्या इसका गुरुत्वाकर्षण बल समाप्त हो जाएगा? इसके चुंबकीय क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

साइंटिस्ट के एक गुट ने दावा किया है कि पृथ्वी का कोर अपने घूमने की दिशा में परिवर्तन कर सकता है. उससे पहले घूमाव रुक जाएगा. इसे लेकर Nature Geoscience में एक आख्या भी प्रकाशित की गई है. बता दें कि पृथ्वी के केंद्र का घूमाव उसके ऊपर के सर्फेस को स्टेबल करता है. विशेषज्ञों ने बताया कि पृथ्वी के घुमाव में लगभग 70 साल बाद परिवर्तन आता है. हालांकि साइंटिस्टों का मानना है कि घुमाव के कुछ सेकेंड रुकने या दिश बदलने से पृथ्वी पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

साइंटिस्टों ने किया डरावने वाला दावा

विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट के अनुसार धरती के केंद्र में घूमने की दिशा में लगभग हर 70 साल बाद बदलाव होता है. मगर अब माना जा रहा है कि 17 साल में यह परिवर्तन होगा और धरती का केंद्र उल्टी दिशा में घूमने लगेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि धरती के केंद्र की घूमने की दिशा में बदलाव आने से प्रलय जैसी कोई स्थिति नहीं बनेगा. इसका प्रभाव ग्रह या उसके प्राणियों पर नहीं होगा.

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