
ब्रसेल्स: यूक्रेन में तीन साल से जारी युद्ध के बीच रूस के लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) ने अब बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। नाटो ने संकेत दिया है कि वह रूस के खिलाफ एक व्यापक रणनीति पर काम कर रहा है। इसी सिलसिले में नाटो मुख्यालय में 30 देशों के रक्षा मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसका नेतृत्व ब्रिटेन और फ्रांस कर रहे हैं।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
नाटो का कहना है कि इस बैठक का उद्देश्य यूक्रेन में भविष्य में यदि कोई शांति समझौता होता है तो उसकी निगरानी के लिए वहां सैन्य बल तैनात करने की योजना पर चर्चा करना है।
यह पहली बार है जब गठबंधन में शामिल देशों के रक्षा मंत्री इस विषय पर एक साथ बैठक कर रहे हैं।
इससे पहले ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैन्य अधिकारी कीव की यात्रा कर चुके हैं, जिसके बाद यह बैठक और ज्यादा अहम हो गई है।
अमेरिका इस बैठक में शामिल नहीं होगा
हालांकि, इस रणनीतिक बैठक में अमेरिका शामिल नहीं होगा।
शुक्रवार को नाटो मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में लगभग 50 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इस बैठक की अध्यक्षता ब्रिटेन और जर्मनी करेंगे।
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के इसमें भाग लेने की संभावना नहीं है।
रूस की आक्रामक तैयारी से बढ़ी चिंता
यूक्रेन सरकार के अधिकारियों और कई सैन्य विश्लेषकों के अनुसार,
रूसी सेना आने वाले हफ्तों में कीव पर दबाव बढ़ाने और युद्धविराम की शर्तों में अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए नया सैन्य अभियान शुरू कर सकती है।
यह आक्रमण रूस की ओर से वार्ता की स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।