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electricity prices increased: उत्तराखंड में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी लगभग पक्की है, मगर इस बढ़ोतरी की मात्रा पर निर्णय आज मंगलवार को लिया जाएगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग इस विषय पर जनसुनवाई आयोजित कर रहा है। यूजेवीएनएल ने पावर डेवलपमेंट फंड के तहत 2500 करोड़ रुपये की मांग की है, जिससे लोगों पर प्रभाव पड़ सकता है।

यूजेवीएनएल को जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए सरकार द्वारा पावर डेवलपमेंट फण्ड दिया गया था। अब यूजेवीएनएल ने यूपीसीएल से मनेरी भाली-2 प्रोजेक्ट के जरिए इस फंड की वसूली की मांग की है। हालाँकि, नियामक आयोग ने पहले यूजेवीएनएल की याचिका को खारिज कर दिया था।

यूजेवीएनएल ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) का दरवाजा खटखटाया, जिसने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए नियामक आयोग को फंड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। यूजेवीएनएल का कहना है कि उन्हें मूल रिटर्न और इक्विटी के लिए 850 करोड़ रुपये की जरूरत है, मगर ब्याज समेत कुल 2500 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

जनसुनवाई के बाद यह स्पष्ट होगा कि उपभोक्ताओं से 850 करोड़ या 2500 करोड़ की राशि वसूली जाएगी। यदि 2500 करोड़ की वसूली होती है, तो बिजली की दरें लगभग 25 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। यूजेवीएनएल इस राशि की वसूली यूपीसीएल से करेगा, जो अंततः उपभोक्ताओं से होगी।

इस वजह से हुई वृद्धि

यूजेवीएनएल की मनेरी भाली-2 परियोजना की लागत में लगभग 20 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। यूजेवीएनएल ने 2015 में लागत समायोजन के लिए नियामक आयोग में याचिका दायर की थी, मगर आयोग ने पाया कि ये वृद्धि यूजेवीएनएल की सुस्ती के कारण हुई है।

प्रदेश में बिजली की दरों में संभावित वृद्धि से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। आज की जनसुनवाई का परिणाम यह तय करेगा कि उपभोक्ताओं को कितनी अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी और ये राशि किस प्रकार वसूली जाएगी।

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