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Up Kiran, Digital Desk: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर सैन्य कार्रवाई के लिए सेना की योजना को मंजूरी दे दी है। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत चल रही है। नेतन्याहू के इस फैसले से गाजा में संघर्ष के और तेज होने की आशंका बढ़ गई है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय शांति की अपील कर रहा है।

सैन्य योजना को मंजूरी का मतलब:नेतन्याहू के कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने गाजा में हमास के ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई के लिए सेना की योजना को स्वीकृति दे दी है। यह योजना गाजा के राफा (Rafah) शहर में सैन्य अभियान को और विस्तृत करने के संबंध में है, जहाँ हजारों फिलिस्तीनी नागरिक और हमास के लड़ाके मौजूद हैं। इजराइल का कहना है कि हमास के सैन्य ठिकानों को नष्ट करना सुरक्षा के लिए आवश्यक है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन राफा में आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

युद्धविराम वार्ता पर असर:इजराइल के इस सैन्य फैसले ने युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए चल रही कूटनीतिक कोशिशों पर अनिश्चितता के बादल मंडरा दिए हैं। हमास और इजराइल के बीच ईजिप्ट, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में बातचीत चल रही है। हमास द्वारा युद्धविराम के बदले इज़राइली बंधकों की रिहाई की मांग की जा रही है, जबकि इजराइल बिना शर्त बंधकों की वापसी और हमास को कमजोर करने पर जोर दे रहा है। गाजा में सैन्य कार्रवाई की मंजूरी ऐसे समय में आई है, जब बातचीत के सफल होने की उम्मीदें बढ़ रही थीं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने नेतन्याहू के इस फैसले पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र (UN), अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इजराइल से सब्र रखने और कूटनीतिक समाधान खोजने की अपील की है। मानवाधिकार समूहों ने गाजा में आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और इजराइल से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करने का आग्रह किया है।

फिलिस्तीनी दृष्टिकोण:फिलिस्तीनी नेताओं ने नेतन्याहू के फैसले की कड़ी निंदा की है और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। उनका कहना है कि इजराइल शांति के बजाय युद्ध को बढ़ावा दे रहा है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ेगी।

आगे क्या:नेतन्याहू का यह फैसला इजराइल-हमास संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह देखना बाकी है कि क्या युद्धविराम वार्ता जारी रहेगी या गाजा में सैन्य कार्रवाई तेज होगी। क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह एक नाजुक क्षण है, जहाँ कूटनीति और मानवीय दृष्टिकोण की सबसे अधिक आवश्यकता है।

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