Up Kiran, Digital Desk: अररिया जिले के नरपतगंज में तीन दिसंबर की सुबह जो कुछ हुआ वो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। स्कूल जा रही 25 साल की युवा शिक्षिका शिवानी वर्मा को बाइक सवार दो बदमाशों ने रोक लिया और एक के बाद एक गोली मारकर भाग निकले। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
पर पुलिस की जांच ने जो खुलासा किया वो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं।
दरअसल ये हत्या गलती से हो गई। असली टारगेट कोई और महिला शिक्षिका थी। जिस दिन वारदात हुई उस दिन वो शिक्षिका छुट्टी पर थी। दोनों टीचर एक ही स्कूटी से आती जाती थीं। शूटर्स ने स्कूटी देखकर समझा कि यही टारगेट है और शिवानी को गोली ठोंक दी।
पुलिस ने जब गहराई से छानबीन की तो सच सामने आया कि ये पूरी साजिश एक शादीशुदा महिला ने रची थी। नाम है हुश्न आरा। उसे शक था कि उसके पति का नरपतगंज की एक महिला टीचर के साथ कुछ गलत चल रहा है। गुस्से में आकर उसने अपने कुछ जानकारों के जरिए तीन लाख रुपये की सुपारी दे दी।
सुपारी लेने वाले थे मोहम्मद मारिफ और मोहम्मद सोहेल। दोनों ने एक दिन पहले रेकी भी की थी। स्कूटी का रंग, नंबर, आने जाने का रास्ता सब नोट कर लिया था। पर किस्मत से उस दिन असली वाली टीचर नहीं आई और शिवानी उनकी स्कूटी लेकर निकल गई। सोहेल ने पीछे से गर्दन पर गोली मारी और दोनों फरार हो गए।
वारदात के तुरंत बाद फारबिसगंज SDPO की अगुवाई में SIT बनी। टीम ने CCTV फुटेज देखे, मोबाइल लोकेशन चेक किए और कुछ ही दिनों में तीनों को धर दबोचा। हुश्न आरा, मारिफ और सोहेल अब जेल में हैं। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल कट्टा और बाइक भी बरामद कर ली है।
तीनों ने पूछताछ में सब कबूल कर लिया। कहा कि सिर्फ स्कूटी देखकर गोली चलाई थी, चेहरा ठीक से नहीं देख पाए।
शिवानी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की रहने वाली थीं। पिता का नाम लक्ष्मीकांत वर्मा है। वो अररिया में नौकरी कर खुश थीं। बस एक गलत स्कूटी ने उनकी जिंदगी छीन ली।
लोग अब पूछ रहे हैं कि आखिर अफेयर के शक में किसी की जान लेने की क्या जरूरत थी? और सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या सिर्फ स्कूटी देखकर किसी की हत्या कर देना इतना आसान हो गया है?
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